19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हरियाणा के पलवल में रहस्यमयी बुखार से 8 बच्चों की मौत से प्रशासन की नींद उड़ी

Mystry Fever in Haryana: चिल्ली गांव के सरपंच नरेश ने कहा है कि 50-60 बच्चे इस रहस्यमयी बुखार की चपेट में आ चुके हैं. सिर्फ 10 दिन में 8 बच्चों की मौत हो गयी.

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के बाद अब हरियाणा के पलवल जिला में रहस्यमयी बुखार से 8 बच्चों की मौत हो गयी है. सिर्फ 10 दिन में पलवल के चिल्ली गांव में इन बच्चों की मौत हुई है. ग्रामीणों का दावा है कि बच्चों की मौत डेंगू से हुई है, जबकि स्वास्थ्य विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है.

चिल्ली गांव के सरपंच नरेश ने कहा है कि 50-60 बच्चे इस रहस्यमयी बुखार की चपेट में आ चुके हैं. सिर्फ 10 दिन में 8 बच्चों की मौत हो गयी. कई बच्चों का निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि वायरल फीवर के दौरान प्लेटलेट का घटना कोई नयी बात नहीं है.

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने चिल्ली गांव में घर-घर सर्वेक्षण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी, तो ज्वर से पीड़ित कई बच्चों के प्लेटलेट काउंट कम थे. ग्रामीणों ने इसके बाद ही पूरे विश्वास के साथ कहा कि गांव में डेंगू का प्रकोप है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बयान से ग्रामीणों में गुस्सा है.

Also Read: UP में रहस्यमयी बुखार से अब तक 100 लोगों की मौत, फिरोजाबाद में बीमारी का कहर जारी

करीब चार हजार की आबादी वाले इस गांव के लोग कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते ध्यान दिया होता, तो कई बच्चों की जानें बचायी जा सकती थी. इतनी बड़ी आबादी वाले हरियाणा के इस गांव में एक स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं है. एक प्राथमि स्वास्थ्य केंद्र है, तो 30 किलोमीटर दूर है.

करीब चार हजार की आबादी वाले इस गांव के लोग कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते ध्यान दिया होता, तो कई बच्चों की जानें बचायी जा सकती थी. इतनी बड़ी आबादी वाले हरियाणा के इस गांव में एक स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं है. एक प्राथमि स्वास्थ्य केंद्र है, तो 30 किलोमीटर दूर है.

ज्वर से पीड़ित बच्चों का डेंगू, मलेरिया और कोरोना टेस्ट करने का निर्देश इन स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया है. सर्वेक्षण में कई बच्चों के प्लेटलेट घटे हुए पाये गये. इसलिए ग्रामीण कह रहे हैं कि यह डेंगू का ही प्रकोप है.

Also Read: रहस्यमयी बुखार से यूपी में दम तोड़ रहे बच्चे, सीमा से सटे बिहार के जिलों में भी बीमारों की संख्या बढ़ी

सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ विजय कुमार ने कहा है कि जिस गांव में बच्चे ज्वर से पीड़ित हैं, वहां एक ओपीडी की स्थापना की गयी है. घर-घर जाकर स्वास्थ्यकर्मी सर्वे कर रहे हैं. मच्छर के लारवा को खत्म करने के लिए भी टीम को काम पर लगाया गया है.

डेंगू से मौत की पुष्टि नहीं

डॉ विजय कुमार कहते हैं कि हो सकता है कि गांव में जिन बच्चों की मौत हुई है, उसकी वजह डेंगू रही हो, लेकिन हम अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे. इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है. हमारी जांच में अब तक एक भी ऐसा बच्चा नहीं मिला है, जिसमें डेंगू या मलेरिया के लक्षण हों.

इंडिया टुडे ने कहा है कि उसकी एक टीम ने गांव का दौरा किया और लोगों से बात की. इस टीम ने पाया कि गांव में रबर पाइप के जरिये घर-घर पानी की सप्लाई होती है. यह पाइप कई जगह प्रदूषित पानी से होकर गुजरता है. फलस्वरूप लोगों के घरों में भी गंदा यानी प्रदूषित पानी आता है. इतना ही नहीं, गांवों में सफाई का घोर अभाव है.

सड़कों पर गंदगी पड़ी है. खुले ड्रेन में मच्छर पनप रहे हैं. एक ओर सीनियर मेडिकल ऑफिसर कहते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता जरूरी है. लेकिन, जिला प्रशासन इस गांव को स्वच्छ बनाने के लिए कोई विशेष पहल करता नहीं दिख रहा. प्रदूषित पेयजल लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा हैं. इससे कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें