अजीत डोभाल ने की रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात, बंद कमरे में एक घंटे चली ‘ऑफ-द-टेबल’ बैठक

National Security Advisor अजीत डोभाल ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. अजीत डोभाल के साथ राष्ट्रपति पुतिन ने एक घंटे तक आमने-सामने की बैठक की, वहीं इस बैठक को ऑफ-द-टेबल बैठक बताया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2023 11:42 AM

National Security Advisor अजीत डोभाल ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. अजीत डोभाल के साथ राष्ट्रपति पुतिन ने एक घंटे तक आमने-सामने की बैठक की, वहीं इस बैठक को ऑफ-द-टेबल बैठक बताया जा रहा है. इधर मास्को और नई दिल्ली दोनों इस बैठक पर चुप्पी साधे हुए हैं. भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट में कहा कि डोभाल ने पुतिन से मुलाकात की, लेकिन विस्तार से नहीं बताया, और अधिकांश रिपोर्टों ने क्षेत्रीय एनएसए की बैठक में कार्यवाही पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें पुतिन भी शामिल हुए.

भारत-रूस के संबंधो को मजबूत करने पर चर्चा

इस बैठक में राष्ट्रपति पुतिन ने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा वातावरण और सदियों पुराने भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर विस्तार से बात की. दोनों पक्षों ने उच्च वर्गीकृत बैठक के दौरान भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त संबंधों को लागू करने पर सहमति व्यक्त की.

पुतिन के साथ डोभाल की सीक्रेट मीटिंग

मॉस्को में स्थित राजनयिकों के अनुसार, एनएसए अजीत डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन से दो बार मुलाकात की, एक बार अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय संवाद के हिस्से के रूप में ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ. उसके बाद फिर, गुरुवार को अजीत डोभाल को रूसी नेता द्वारा एक गुप्त बंद दरवाजे की बैठक के लिए बुलाया गया.

डोभाल के अतीत को जानते हैं पुतिन

NSA डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन और रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. पुतिन और पेत्रुशेव दोनों एनएसए डोभाल को अतीत को जानते हैं, रूसी NSA अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी के संपर्क में हैं.

अफगानिस्तान के समर्थन में भारत

मॉस्को में भारतीय एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में अफगानिस्तान पर 5वीं क्षेत्रीय वार्ता के प्रमुख परिणामों में से एक, सभी भाग लेने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के बीच आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए सर्कुलेशन था अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र. जबकि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अफगान समाज के हित में एक समावेशी और प्रतिनिधि व्यवस्था के साथ काबुल का समर्थन करने के लिए सब कुछ करेगा जो इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत और पाकिस्तान मुख्यालय जैसे आतंकवादी समूहों पर वास्तविक खुफिया जानकारी साझा करने के लिए सहमत था.

डोभाल ने पकिस्तान पर साधा निशाना

उन्होंने आगे कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद और कट्टरपंथ फैलाने के लिए अफगान सरजमीं का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाना चाहिए. उनका इशारा सीधे तौर पर पाकिस्तान की तरफ था. डोभाल ने अफगानिस्तान के हितों की बात ऐसे समय में की है, जब खबरें आई हैं कि खनिज संसाधनों का दोहन करने के लिए चीन तालिबान के साथ डील कर रहा है. ऐसे में डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल अफगान लोगों के हितों के लिए होना चाहिए

UNSC में नामित 1267 आतंकवादी समूहों पर हुई चर्चा

बैठक में भारतीय पक्ष ने 2021 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 2593 के महत्व को दोहराया. खासकर प्रस्ताव 1267 के तहत प्रतिबंधित किए गए लोगों/समूहों को क्षेत्र में शरण न मिलने पाए. इसमें तीन आतंकी संगठन इस प्रस्ताव के दायरे में आते हैं. कई यूएन रिपोर्टों में कहा गया है कि हजारों लश्कर, जैश और दाएश लड़ाके इस समय अफगानिस्तान में हैं. इस्लामिक स्टेट के आतंकी लगातार हजारा शिया समुदाय पर हमले कर रहे हैं और काबुल में रूसी दूतावास को भी निशाना बना चुके हैं. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 1267 यूएनएससी समिति द्वारा नामित सभी आतंकवादी समूहों और आतंकवादियों को अफगानिस्तान से संचालित करने के लिए आश्रय से वंचित किया जाना चाहिए.

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