SCO meeting : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के निशाने पर पाकिस्तान है. उन्होंने ताजिकिस्तान में हुई शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से निपटने के लिए एक्शन प्लान पेश किया है. डोभाल ने इस बैठक में शामिल पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की मौजूदगी में ही आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान में पनपे और पनाह लिए हुए लश्कर ए तयब्बा, जैश ए मोहम्मद समेत अन्य आतंकवादी संगठनों का कैसे सफाया किया जा सकता है.
एससीओ की बैठक में अजीत डोभाल ने अपने संदेश में कहा कि भारत वर्ष 2017 में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का सदस्य बना था. इसमें शामिल देशों के साथ भारत के कई सदियों से भौतिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक संबंध रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद की निंदा करते हैं, चाहे वह उसका किसी भी प्रकार का कोई भी रूप हो.
इस बैठक में उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि आतंकवाद फैलाने वाले चाहे सीमा पार के हो या फिर सीमा पार से आतंकवादी हमले किए जाएं, ऐसे आतंकवादी हमले करने वालों को सजा मिलनी ही चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र के संकल्पों और उसके द्वारा घोषित आतंकवादी संगठनों और उसके आकाओं पर लागू प्रतिबंध पूरी तरह से पालन होना चाहिए.
एनएसए डोभाल ने एससीओ की बैठक में आगे कहा कि आतंकवादियों की ओर से इस्तेमाल की जा रही नई तकनीकों पर पूरी नजर रखने की जरूरत है. इसमें हथियार तस्करी के लिए उपयोग किए जाने वाले ड्रोन, डार्क वेब, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया का इस्तेमाल आदि शामिल हैं.
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में आयोजित एससीओ की बैठक में डोभाल ने रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ भी करीब दो घंटे तक बातचीत की. इस बैठक में भारत के अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, रूस, चीन, किर्गीसतान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भी शिरकत की.
बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत समेत कुल आठ देश इसके सदस्य हैं. इसमें भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. इस संगठन के जरिए इसके सदस्य देश आपस में सामाजिक-आर्थिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में प्रयास करते हैं. इस संगठन की स्थापना की भूमिका वर्ष 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद बनी थी. वर्ष 2017 में भारत इस संगठन का पूर्णकालिक सदस्य बना था. इससे पहले भारत इसका पर्यवेक्षक देशों में शामिल था.
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Posted by : Vishwat sen