प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब मोदी सरकार इस बिल को संसद में पेश कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र सरकार इसी सप्ताह बिल को सदन में पेश कर सकती है. अब अगर यह बिल सदन में पास हो जाता है तो राज्यों को अपनी ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार मिल जाएगा. और इसके बाद राज्य चाहे तो किसी जाति को ओबीसी के रूप में शामिल कर सकता है. और उस जाति को आरक्षण की सुविधा दे सकता है.
क्यो पड़ी इस विधयक की जरूरत: गौरतलब है कि, यह विधेयक इसलिए लाना पड़ा क्योकिं, इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में राज्यों को ओबीसी सूचि तैयार करने पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सूची बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले का राज्यों ने विरोध किया था. जिसके बाद केंद्र की मोदी सरकार यह बिल ला रही है.
आरक्षण की मांग पर कितना पड़ेगा असर: केन्द्र सरकार के इस फैसले के राज्यों के कुछ फैसले अब वैध हो सकते है. बता दें, मई महीने में मराठा आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को ओबीसी की पहचान करने और सूची बनाने के अधिकार को अवैध करार दिया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि राज्यों को पिछड़ों की पहचान और अलग से सूची बनाने का अधिकार नहीं है.
यूपी चुनाव पर पड़ेगा असर: गौरतलब है कि अगले साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके बीजेपी के लिए सबसे अहम यूपी चुनाव है. पार्टी यूपी में फिर से सरकार बनाने की कवायद में जी जान से जुटी हैं. ऐसे बीजेपी सरकार के लिए ओबीसी वर्ग को खुश करने के लिए और कोई दूसरा रास्ता नहीं हो सकता. क्योंकि, यूपी में ओबीसी वोटरों की एक अच्छी खासी संख्या है. ऐसे में केन्द्र सरकार भी इस वर्ग के रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती.