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OBC Reservation: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में केंद्रीय सूची की ओबीसी जातियों को मिले आरक्षण का लाभ

OBC Reservation: सुप्रीम कोर्ट में पेश मामले के अनुसार, मार्च 2021 में डीएसएसएसबी ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में विशेष शिक्षक पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इस भर्ती प्रक्रिया में तान्या अंसारी ने भी ओबीसी श्रेणी के तहत आवेदन किया था।

OBC Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि केंद्रीय सूची में शामिल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जातियों को दिल्ली सरकार और नगर निगम में होने वाली नियुक्तियों में आरक्षण का अधिकार है. सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें नगर निगम के स्कूलों में विशेष शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए ओबीसी (केंद्रीय) प्रमाण पत्र को मान्य ठहराया गया था.

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यह फैसला जस्टिस बी.आर. गवई और के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने सुनाया, जिन्होंने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) की अपील को खारिज कर दिया. यह अपील हाईकोर्ट के उस निर्णय के खिलाफ थी, जिसमें जनवरी 2024 में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी.

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मामला इस प्रकार था कि मार्च 2021 में डीएसएसएसबी ने दिल्ली नगर निगम में विशेष शिक्षक पद के लिए आवेदन मांगे थे, जिसमें तान्या अंसारी ने ओबीसी श्रेणी में आवेदन किया. केंद्र सरकार ने अगस्त 2011 में अंसारी की जाति को ओबीसी सूची में शामिल किया था. जब तान्या अंसारी ने भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त की, तो उन्होंने अपने दस्तावेज और ओबीसी (केंद्रीय) प्रमाण पत्र को अपलोड किया. लेकिन डीएसएसएसबी ने उनके प्रमाण पत्र को दिल्ली नगर निगम की नौकरी के लिए अस्वीकार कर दिया. तान्या अंसारी ने दिल्ली सरकार से नया ओबीसी प्रमाण पत्र प्राप्त कर जमा किया, लेकिन इसे भी डीएसएसएसबी ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि यह कटऑफ तारीख के बाद बना था.

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डीएसएसएसबी के इस निर्णय के खिलाफ तान्या अंसारी ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी, जहां अगस्त 2023 में उनके पक्ष में फैसला दिया गया. डीएसएसएसबी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने जनवरी 2024 में इसे खारिज कर दिया. इसके बाद डीएसएसएसबी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसे भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

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