ओडिसा में एक एबुंलेस ड्राइवर की लापरवाही से एक बच्चे की मौत हो गयी. मामला ओडिसा के मयूरभंज जिले का है. जहां समय पर अस्पताल नहीं पंहुच पाने के कारण छोटे बच्चे ने एंबुलेस में ही दम तोड़ दिया क्योंकि बच्चे को अस्पताल ले जाते समय ड्राइवर ने लंच के लिए 90 मिनट का ब्रेक ले लिया था. जबकि ड्राइवर को यह पता था कि बच्चे की हालत गंभीर है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक निंरजन बेहरा और गीता बेहरा के बच्चे को दस्त जैसे लक्षण दिखाई दिए. इसके बाद उन्होंने अपने बच्चे को बारिपदा स्थित पीआरएम मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया. पर वहां पर बच्चे का इलाज ठीक से नहीं हो पाया और उसकी गंभीर हालत दो देखते हुए उसे डॉक्टरों ने उसे एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया.
इसके बाद बच्चे को एंबुलेंस से एससीबी कटक ले जाने की तैयारी हुई, फिर बरईपाड़ा से निकलने के तुरंत बाद एंबुलेंस ड्राइवर ने लंच के एक ढाबे पर गाड़ी रोक दी. उसके साथ एक फार्मासिस्ट भी था. जबकि दोनों को पता था कि बच्चे की हालत गंभीर है. फिर एक घंटा तक इंतजार करने के बाद बच्चे के पिता निरंजन बोहरा अपने बच्चे की स्थिति को देखकर ड्राइवर के पास गये, और उन्हें जल्दी लंच करने के लिए कहा. पर उन्होंने बच्चे को पिता को तुरंत आने की बात बोलकर लौटा दिया.
फिर ढेड़ घंटे बाद जब ड्राइवर और फार्मिसिस्ट लंच करके लौटे तब एंबुलेंस कटक के लिए आगे बढ़ी. पर इस बीच बच्चे की हालत और गंभीर हो गयी. कृष्णच्रंद्रुपर पहुंचने तक बच्चे ने दम तोड़ दिया. यह बारिपदा से महज दस किलोमीटर दूर है. फिर बच्चे की खराब हालत को देखते हुए उसे कृष्णचंद्रपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मृत बच्चे के मामा परमानंद बोहरा ने बताया कि अगर ड्राइवर ने लंच करने में 90 मिनट का समय नहीं लगाया होता तो उनके भांजे की जान बच सकती थी. वहीं बच्चे की मौत की खबर सुनने के बाद बच्चे के माता पिता ने एंबुलेंस के ड्राइवर पर हमला कर दिया और उसके खिलाफ कृष्णचंद्रपुर थाने में शिकायत दर्ज करायी है. हालांकि पुलिस अधिकारी का बयान माता पिता के बयान से अलग था. उन्होंने दावा किया लंच ब्रेक के कारण देरी नहीं हुई है. वहीं 108 एंबुलेंस का संचालन करनेवाली जिकिट्जा हेल्थेकयर लिमिटेड के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेर सयान बोस ने कहा कि ड्राइवर लंच के लिए सिर्फ 20 मिनट रुका था.
Posted By: Pawan Singh