ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को भीषण रेल हादसे के 4 दिन के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन एक फिर से ट्रैक पर दौड़ी. हालांकि इस दौरान उसकी रफ्तार बेहद कम रही. दुर्घटना स्थल में ट्रेन की रफ्तार महज किलोमीटर प्रति घंटा रही. जब कोरोमंडल एक्सप्रेस गुजरी तो, वहां मौजूद लोगों ने गौर से देखा.
दुर्घटना स्थल से अबतक गुजर चुकी हैं 70 से अधिक ट्रेनें
बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन में हादसे के 51 घंटे के अंदर ट्रेन सेवा फिर से शुरू कर दी गयी. अप लाइन और डाउन लाइन पटरियों की मरम्मत का काम रविवार रात को पूरा हो गया. अबतक यहां से 70 ट्रेनें गुजर चुकी हैं. ओडिशा में रेल हादसे के बाद पहली उच्च गति वाली यात्री ट्रेन ‘हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस’ सोमवार को सुबह बालासोर से गुजरी. अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे और तेज गति वाली ट्रेन के गुजरने पर उन्होंने चालकों की तरफ हाथ हिलाया.
हादसे के बाद पहली ट्रेन को रेल मंत्री ने हाथ जोड़कर किया विदा
रविवार रात को करीब 10 बजकर 40 मिनट पर विशाखापत्तनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र तक कोयले से लदी एक मालगाड़ी बालासोर से गुजरी थी. इस दौरान मौके पर मौजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेन को हाथ जोड़कर विदा किया.
सीबीआई ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना मामले में जांच शुरू की, प्राथमिकी दर्ज
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बालासोर रेल दुर्घटना मामले में कथित आपराधिक लापरवाही को लेकर मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी. फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ सीबीआई अधिकारियों की एक टीम सोमवार को ओडिशा के बालासोर जिले में पहुंच गई थी और मंगलवार दोपहर प्राथमिकी दर्ज करने के तुरंत बाद जांच शुरू कर दी गई. अधिकारियों को प्रारंभिक जांच में ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम’ के साथ छेड़छाड़ का संकेत मिलने और दुर्घटना के पीछे तोड़फोड़ की आशंका जताए जाने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई.
कैसे हुई बालासोर रेल दुर्घटना
गौरतलब है कि बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी. इस दुर्घटना में कम से कम 278 लोगों की मौत हुई है.