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Explained: सीबीआई क्यों कर रही ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच

odisha train accident explained बालासोर रेल हादसे के पीछे साजिश की आशंका जतायी गयी है. रेलवे ने अपनी प्रारंभिक जांच में इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग सिस्टम और प्वाइंट के साथ छेड़छाड़ की बात कही है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने बयान में कहा था कि दुर्घटना के असल कारण का पता लगा लिया गया है.

ओडिशा के बालासोर में रेल हादसे में अबतक 275 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 1100 से अधिक लोग घायल हुए. हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गयी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, सीबीआई पता लगायेगी कि यह हादसा कैसे हुआ. रेल हादसे की जांच के लिए सीबीआई की जिम्मेदारी सौंपे जाने की बात पर विपक्ष सरकार पर हमला कर रही है. लेकिन यहां यह जान लेना जरूरी है कि आखिर रेलवे बोर्ड ने सीबीआई जांच की सिफारिश क्यों की है.

कोरोमंडल रेल हादसे के पीछे साजिश की आशंका

दरअसल बालासोर रेल हादसे के पीछे साजिश की आशंका जतायी गयी है. रेलवे ने अपनी प्रारंभिक जांच में इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग सिस्टम और प्वाइंट के साथ छेड़छाड़ की बात कही है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने बयान में कहा था कि दुर्घटना के असल कारण का पता लगा लिया गया है और इस आपराधिक कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है. यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्वाइंट मशीन में किए गए बदलाव के कारण हुआ. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी अपने बयान में साजिश की ओर संकेत किया था. हालांकि उन्होंने इस बारे में खुलकर कुछ भी नहीं कहा. वैष्णव ने कहा था कि यह अलग मुद्दा है. ओडिशा ट्रेन हादसा कैसे हुई? इसके पीछे किसका हाथ है? यह व्यापक जांच का विषय है.

लोको पायलट का बयान दर्ज

बालासोर रेल हादसे को लेकर लोको पायलट का बयान लिया गया. रेलवे ने चालक की गलती और प्रणाली की खराबी की संभावना से इनकार किया तथा संभावित ‘तोड़फोड़’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली से छेड़छाड़ का संकेत दिया.

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रेलवे ने भी साजिश की ओर से किया इशारा

रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने सिग्नल में व्यवधान का संकेत दिया. रेलवे बोर्ड की परिचालन और व्यवसाय विकास मामलों की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कहा था कि ‘प्वाइंट मशीन’ और इंटरलॉकिंग प्रणाली त्रुटि रहित और विफलता में भी सुरक्षित (फेल सेफ) बताया है. उन्होंने बाहरी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया था. उन्होंने कहा, इसे ‘फेल सेफ’ प्रणाली कहा जाता है, तो इसका मतलब है कि अगर यह फेल हो जाता है, तो सारे सिग्नल लाल हो जाएंगे और ट्रेन का सारा परिचालन बंद हो जाएगा. अब, जैसा कि मंत्री ने कहा कि सिग्नल प्रणाली में समस्या थी. हो सकता है कि किसी ने बिना केबल देखे कुछ खुदाई की हो. किसी भी मशीन के चलाने में विफलता का खतरा होता है. उन्होंने कहा, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में कोई त्रुटि नहीं मिली है, लेकिन लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, यह अंदर या बाहर से छेड़छाड़ या तोड़फोड़ का मामला हो सकता है. हमने किसी भी चीज से इनकार नहीं किया है.

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