ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी के टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 250 से ज्यादा हो गयी है. हादसे में 900 से अधिक यात्री घायल हुए हैं. हादसे के बाद बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है.
ओडिशा के मुख्य सचिव पी के जेना ने ट्वीट किया कि बालासोर ट्रेन हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 233 हो गयी है. यह भीषण हादसा कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के निकट शुक्रवार शाम करीब सात बजे हुआ. रेल मंत्रालय ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिये हैं.
भारतीय रेलवे ने एक बयान में बताया कि इस ट्रेन दुर्घटना की जांच दक्षिण पूर्व सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ए एम चौधरी करेंगे. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे. पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गये.
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गयी.
शालीमार-चेन्नई एक्सप्रेस में सफर कर रहे गौतम मुखोपाध्याय के मुताबिक अचानक जोरदार आवाज हुई और उसके साथ ही बोगिंयां एक दूसरे के ऊपर खिलौनों की तरह चढ़ गयीं. ऐसा लगा कि कोई भूकंप आया हो. वे एकदम सिहर उठे. गौतम गर्मी की छुट्टियों के बाद परिवार के साथ भुवनेश्वर जा रहे थे. उनका रिजर्वेशन शालीमार-चेन्नई एक्सप्रेस की ए-1 बोगी में था. साइड अपर और लोवर बर्थ उनका आरक्षित था. आपबीती सुनाते हुए उन्होंने कहा कि घटना के बाद ट्रेन के अंदर लोगों की चीख-पुकार मच गयी. भगवान की दया से वे और उनकी पत्नी सुरक्षित बचे. किसी तरह से वे ट्रेन के बाहर आ सके.
घटना में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. बताया जा रहा है कि पलटी हुई बोगियों में सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं. दुर्घटना की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोगियां इस तरह से आपस में एक दूसरे के अंदर घुस गयी थीं कि कई को तो निकाला ही नहीं जा सका. सबसे ज्यादा नुकसान शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस की आगे की जनरल बोगियों को हुआ है. आगे की जनरल बोगियां यात्रियों से खचाखच भरी थीं.