15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Odisha Train Accident: छात्र उस स्कूल में जाने से डर रहे जहां मृतकों के शव रखे गये थे, इमारत गिराने की मांग

कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने बताया, मैंने स्कूल का दौरा किया हुआ है और ये भवन काफी पुराना है और ये कभी भी गिर सकता है. इस भवन के बैकअप के लिए नए भवन का निर्माण किया जा रहा है. छात्र उस भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट कर दिए जाएंगे क्योंकि स्कूल 16 जून से खुलने वाले हैं.

ओडिशा में बहनागा हाई स्कूल के छात्र अपनी कक्षाओं में वापस आने से डर रहे हैं. इस विद्यालय में रेल हादसे के बाद शव रखे गये थे. ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे में 288 यात्रियों की मौत हुई थी. इस दुर्घटना के तुरंत बाद, 65 साल पुराने इस स्कूल भवन में कफन में लिपटे शवों को रखा गया था.

स्कूल प्रबंधन समिति ने इमारत गिराने की लगाई गुहार

छात्र अब इस स्कूल में आने से कतरा रहे हैं और स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) ने राज्य सरकार से इमारत को गिराने की गुहार लगाई है क्योंकि यह बहुत पुरानी है. बहनागा उच्च विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रमिला स्वैन ने स्वीकार किया, छात्र डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल ने धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने और कुछ अनुष्ठान करने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि स्कूल के कुछ वरिष्ठ छात्र और एनसीसी कैडेट भी बचाव कार्य में शामिल हुए थे.

बच्चों और शिक्षकों के काउंसलिंग के लिए काउंसलिंग टीम भेजी जा रही

कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने बताया, मैंने स्कूल का दौरा किया हुआ है और ये भवन काफी पुराना है और ये कभी भी गिर सकता है. इस भवन के बैकअप के लिए नए भवन का निर्माण किया जा रहा है. छात्र उस भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट कर दिए जाएंगे क्योंकि स्कूल 16 जून से खुलने वाले हैं. छात्र इस पुराने भवन की वजह से डर रहे थे. बच्चों और शिक्षकों के काउंसलिंग के लिए काउंसलिंग टीम भेजी जा रही है. उन्होंने कहा, मैंने स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों, प्रधानाध्यापिका, अन्य कर्मचारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की है. वे पुरानी इमारत को तोड़कर उसका जीर्णोद्धार करना चाहते हैं ताकि बच्चों को कक्षाओं में जाने में कोई डर या आशंका न हो.

Also Read: ओडिशा रेल हादसा : मरा हुआ समझ बेटे के ऊपर रख दिया था लाशों का ढेर, पिता ने बताया दिल दहला देने वाला मंजर

16 जून को खुलने वाला स्कूल

एसएमसी के एक सदस्य ने जिलाधिकारी को बताया कि स्कूल की इमारत में पड़े शवों को टेलीविजन चैनलों पर देखने के बाद, बच्चे प्रभावित हुए हैं और 16 जून को फिर से स्कूल खुलने पर वे आने से कतरा रहे हैं. हालांकि शवों को भुवनेश्वर ले जाया गया है और स्कूल परिसर को साफ कर दिया गया है लेकिन छात्र और अभिभावक डरे हुए हैं. एसएमसी ने शुरू में शव रखने के लिए केवल तीन कक्षाओं की अनुमति दी थी. बाद में जिला प्रशासन ने पहचान के लिए शवों को रखने के लिए स्कूल के हॉल का इस्तेमाल किया था.

अभिभावकों का क्या है कहना?

एक अभिभावक सुजीत साहू ने कहा, हमारे बच्चे स्कूल जाने से इनकार कर रहे हैं और उनकी माताएं उन्हें अब शिक्षण संस्थान भेजने की इच्छुक नहीं हैं. कुछ माता-पिता अपने बच्चों को बहनागा विद्यालय में भेजने के बजाय शिक्षण संस्थान बदलने की भी सोच रहे हैं.

रेल हादसे में गयी 288 लोगों की जान

गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस दो जून को लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा कर पटरी से उतर गए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें