Odisha Train Accident Updates : रेलवे ने बालासोर तिहरा ट्रेन हादसे की जांच सीबीआइ से कराने की सिफारिश की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार शाम को यह जानकारी दी. इससे पहले, रेल मंत्री ने बताया कि हादसे की वजह रेलवे सिग्नल के लिए अहम ‘प्वाइंट मशीन’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ सिस्टम में बदलाव है. इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गयी है. रेल हादसे का ‘कवच’ प्रणाली से कोई लेना-देना नहीं है.
वहीं, दिल्ली में रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने चालक की गलती और प्रणाली की खराबी की संभावना से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ या इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ की आशंका है. ‘प्वाइंट मशीन’ और इंटरलॉकिंग एक तरह से फेल सेफ (त्रुटि रहित) सिस्टम है. इसका मतलब है कि अगर यह फेल हो जाता है, तो सारे सिग्नल लाल हो जायेंगे और ट्रेन का परिचालन रुक जायेगा. अब, जैसा कि मंत्री ने कहा कि सिग्नल प्रणाली में समस्या थी. हो सकता है कि किसी ने बिना केबल देखे कुछ खुदाई की हो. हालांकि, उन्होंने बाहरी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया है.
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर बालासोर रेल हादसे के कारणों की जांच के लिए शीर्ष अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. अधिवक्ता विशाल तिवारी ने यह याचिका दायर की है.
-बेटिकट यात्रियों को भी मुआवजा
-रेलवे ने कहा- दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन में बिना टिकट सफर करने वाले यात्रियों को भी मिलेगा मुआवजा
-सीएम पटनायक ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख व घायलों को एक-एक लाख देने का किया एलान
-रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने पूरी की जांच अब वह प्रत्यक्षदर्शियों से मिलेंगे
-1,000 से अधिक श्रमिक ट्रैक को दुरुस्त करने के लिए कर रहे चौबीसों घंटे काम
-123 ट्रेनें रद्द, 56 के मार्ग बदले गये, 10 को गंतव्य से पहले रोका गया, 14 का समय बदला गया
सिन्हा ने कोरोमंडल एक्सप्रेस के चालक को यह कह कर ‘क्लीन चिट’ दे दी कि उसके पास आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी थी. वह स्वीकृत गति से अधिक रफ्तार में ट्रेन को नहीं चला रहा था. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर लूप लाइन में प्रवेश कर गयी, जिस पर मालगाड़ी खड़ी थी. ट्रेन को अप मेन लाइन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन ट्रेन अप लूप लाइन में प्रवेश कर गयी और मालगाड़ी से टकरा गयी. इस बीच, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन मेन लाइन से गुजरी और उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गये तथा पलट गये.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शुक्रवार रात से ही दुर्घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं. वैष्णव ने कहा कि रेलवे सिग्नल के लिए अहम उपकरण ‘प्वाइंट मशीन’ की सेटिंग में बदलाव किया गया है. यह कैसे और क्यों किया गया, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में किया जायेगा. मैं इस पर विस्तार से बात नहीं करना चाहता. रिपोर्ट आने दीजिए. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि असल वजह और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गयी है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ट्रेन सेवा बहाल करने के लिए अप और डाउन लाइन को दुरुस्त कर दिया गया है. 51 घंटे बाद रविवार की रात डाउन ट्रैक से मालगाड़ी गुजरी. मंगलवार या बुधवार तक यात्री रेल सेवाएं शुरू होने की संभावना है. कहा कि हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, रांची, कोलकाता से विशेष ट्रेन चलायी जा रही हैं.
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ओडिशा सरकार ने रेल हादसे में मृतकों की संख्या को 288 से संशोधित कर 275 कर दी है और घायलों की संख्या 1,175 बतायी है. मुख्य सचिव पीके जेना ने बताया कि कुछ शवों की दो बार गिनती हो गयी थी. विस्तृत सत्यापन और बालासोर जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद संशोधित मृतक संख्या 275 है.