इंटरलॉकिंग सिस्टम को लेकर बड़े अधिकारी ने पहले ही लिखा था लेटर, बाल-बाल बची थी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस

ओडिशा रेल हादसा: 8 फरवरी के दिन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12649) के लोको पायलट की सतर्कता की वजह से ट्रेन हादसे का शिकार होने से बच गयी थी. जानें क्या हुआ था इस दिन

By Amitabh Kumar | June 5, 2023 11:41 AM

ओडिशा में हुए रेल हादसे से पूरी दुनिया के लोग दुखी है. इस बीच ट्रेन एक्सिडेंट को लेकर एक बड़ी बात सामने आ रही है. ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के पीछे इंटरलॉकिंग सिस्टम की बात कही जा रही है. इसी तरह की घटना फरवरी के महीने में देखने को मिली थी. इस वक्त ट्रेन के ड्राइवर ने खतरे को भांपते हुए समझदारी भरा कदम उठाया था और ट्रेन रोक दी थी. यह ट्रेन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस थी.

रेलवे जोन के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर हरिशंकर वर्मा ने इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में खामियों के बारे में आगाह कर दिया था और तीन महीने पहले ही चेतावनी दी थी. उन्होंने फरवरी में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के फेल होने पर चिंता व्यक्त की थी. रेलवे बोर्ड को लिखे गये इस लेटर में कहा गया था कि अगर इस सिस्टम को नहीं सुधारा गया तो गंभीर हादसे भविष्य में हो सकते हैं.

लोको पायलट की सूझबूझ से टला था हादसा

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो दक्षिण पश्चिम रेलवे के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर ने 9 फरवरी को एक एक्सप्रेस ट्रेन के सिग्नल फेल होने की चिंता जतायी थी. इस समय लोको पायलट ने सूझबूझ दिखायी थी जिस वजह से एक हादसा टल गया था. 8 फरवरी के दिन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12649) के लोको पायलट की सतर्कता की वजह से ट्रेन हादसे का शिकार होने से बच गयी थी. चीफ ऑपरेटिंग ने जानकारी दी कि 8 फरवरी की घटना ने इंटरलॉकिंग सिस्टम में कई खामियों को जाहिर कर दिया था. ट्रेन का डिस्पैच रूट ट्रेन के चलने के सिग्नल पर चलने बाद डिस्प्ले होता है. ये इंटरलॉकिंग प्रिंसिपल का उल्लंघन करता है.


क्या कहा रेल मंत्री ने

रेल मंत्री ने बताया है कि हादसे की वजह रेलवे सिग्नल के लिए अहम ‘प्वाइंट मशीन’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ सिस्टम में बदलाव है. इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गयी है. रेल हादसे का ‘कवच’ प्रणाली से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, दिल्ली में रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने चालक की गलती और प्रणाली की खराबी की संभावना से इनकार कर दिया औश्र कहा कि तोड़फोड़ या इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ की आशंका है. ‘प्वाइंट मशीन’ और इंटरलॉकिंग एक तरह से फेल सेफ (त्रुटि रहित) सिस्टम है. इसका मतलब है कि अगर यह फेल हो जाता है, तो सारे सिग्नल लाल हो जायेंगे और ट्रेन का परिचालन रुक जायेगा.

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उन्होंने कहा कि अब, जैसा कि मंत्री ने कहा कि सिग्नल प्रणाली में समस्या थी. हो सकता है कि किसी ने बिना केबल देखे कुछ खुदाई की हो. हालांकि, उन्होंने बाहरी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया है.

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