भारत में 24 घंटों में कोरोना के 3,06,064 नए मामले सामने आए हैं जबकि इसी दौरान ठीक हुए मरीजों की संख्या 2,43,495 है. इसी दौरान 439 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि भारत में रविवार को कोरोना वायरस के लिए 14,74,753 सैंपल टेस्ट किए गए. कल तक कुल 71,69,95,333 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं.
इधर इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (आइएनएसएसीओजी) ने अपने बुलेटिन में बड़ी बात कही है जिसने चिंता बढ़ा दी है. आपको बता दें कि इस कंसोर्टियम का गठन भारत सरकार ने कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेसिंग का विश्लेषण करने के लिए किया है. आइएनएसएसीओजी की ओर से कहा गया है कि भारत में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का अब सामुदायिक संक्रमण हो रहा है. दिल्ली, मुंबई जिन महानगरों में कोविड के मामलों में तेज वृद्धि देखी गयी है, वहां यह वैरिएंट हावी हो गया है. यानी, ओमिक्रोन का प्रसार अब विदेशी यात्रियों के माध्यम से नहीं, बल्कि देश के भीतर से ही हो सकता है.
आइएनएसएसीओजी ने रविवार को जारी अपने बुलेटिन में कहा है कि अब तक सामने आये ओमिक्रॉन के अधिकतर मामलों में या तो रोगी में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे हैं या फिर हल्के लक्षण नजर आये हैं. हालांकि, मौजूदा लहर में अस्पताल और आइसीयू में भर्ती होने के मामले वृद्धि देखी गयी है. खतरे के स्तर में अब भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.
आइएनएसएसीओजी ने यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन के संक्रामक सब-वैरिएंट बीए.2 की देश के कुछ हिस्सों में मौजूदगी मिली है. एस जीन ड्रॉपआउट आधारित स्क्रीनिंग के दौरान इस बात की काफी आशंका है कि संक्रमण का पता न चले. वायरस के जेनेटिक बदलाव से बना ‘एस-जीन ड्रॉपआउट’ ओमिक्रॉन वैरिएंट जैसा ही है. बुलेटिन में कहा गया है कि हाल में पता चले बी.1.640.2 वंश की निगरानी की जा रही है. इसके तेजी से फैलने का कोई सबूत नहीं है. इसके इम्युनिटी को भेदने की आशंका है, लेकिन फिलहाल यह ‘चिंताजनक वैरिएंट’ नहीं है. अब तक, भारत में ऐसे किसी भी मामले का पता नहीं चला है.
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सोमवार तक देश में सक्रिय मामले: 22,49,335
कुल रिकवरी: 3,68,04,145
कुल मौतें: 4,89,848
कुल वैक्सीनेशन: 1,62,26,07,516