ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक, इसके लक्षणों के बारे में अफ्रीकी डॉक्टर ने बताई पूरी कहानी, कहा….

कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन(Omicron) वैरिएंट के लक्षणों पर दक्षिण अफीकी डॉक्टर ने चौकान्ने वाली बातें बताई हैं. उन्होंने बताया कि कैसे दूसरे वैरिएंट से कोरोना के इस वैरिएंट के लक्षण पूरी तरह से अलग है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2021 1:40 PM

कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन(Omicron) वैरिएंट को लेकर दुनिया को सावधान करने वाली दक्षिण अफीकी डॉक्टर ने बताया कि कैसे ओमिक्रॉन के मामलों से दक्षिण अफ्रीका(South Africa) में स्थिति भयावह हो गई. अचानक बढ़े संक्रमितों की संख्या चौकान्ने वाली थी. उन्होंने बताया कि कैसे ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों में दूसरे वैरिएंट से अलग लक्षण देखने को मिले. उन्होंने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में इससे अधिक से अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं.

ओमिक्रॉन पर दक्षिण अफ्रीकी चिकित्सा संघ की अध्यक्ष एंजेलिक कोएत्जी ( Angelique Coetzee) ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि मैं हैरान हुईं क्योंकि मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी, काफी हफ्तों से कोरोना का कोई केस सामने नहीं आया था, ये हमारे लिए असामयिक था. मैंने मरीज़ों का टेस्ट करना शुरू किया जिनमें ऐसे लक्षण थे जो सामान्य वायरल संक्रमण के नहीं थे.

वहीं, द. अफ्रीका(South Africa) में मिले ओमिक्रॉन मरीजों में लक्षणों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन (Omicron) के मरीजों में अधिकतर थकान वाले मिले. इसमें शरीर में दर्द और पीड़ा थी. कुछ को काफी तेज सिरदर्द और थकान हुई लेकिन किसी ने गंध/स्वाद के नुकसान, गंभीर रूप से नाक बंद या गंभीर तापमान का उल्लेख नहीं किया.

वहीं, वैक्सीनेशन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन दूसरे वैरिएंट की तरह इस पर भी कारगर बन सकते हैं. क्योंकि जिन लोगों को वैक्सीन लगाया गया था, उनमें हल्के लक्षण ही देखने को मिले थे. हालांकि प्राथमिक उपचार के दौरान ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम ही रहे हैं. लेकिन अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दी होगा.

24 नवंबर को आया पहला मामला

आपको बता दें कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन( B.1.1.1.529) के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका ने इसकी जानकारी WHO को दी थी. जिसके बाद इसकी पहचान बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजरायल, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नीदरलैंड में भी हुई थी. जिसके बाद 26 नवंबर को WHO ने इसे चिंताजनक बताया. साथ ही खतरनाक स्वरूप की श्रेणी में रखा.

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