बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए वयस्क जरूर लगवाएं टीका, जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय

ओमिक्रॉन वेरिएंट ने भारत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. बहुत तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट की देश में दस्तक ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देश में ज्यादातर अभिभावक खुद टीका लगवा चुके हैं और अब तक अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2021 10:37 PM

COVID19 Vaccine News कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट ने भारत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. बहुत तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट की देश में दस्तक ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देश में ज्यादातर अभिभावक खुद टीका लगवा चुके हैं और अब तक अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं. दरअसल, बच्चों के लिए अब तक कोरोना का टीका नहीं आया है.

नए कोविड-19 वेरिएंट ओमिक्रॉन के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि वयस्कों को कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए. न्यूज एजेंसी एएनआई ने बातचीत में नई दिल्ली स्थित रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. नितिन वर्मा ने बताया कि बच्चे ही असुरक्षित हैं. नया कोविड वेरिएंट ओमिक्रॉन अगर फैलता है, तो निश्चित रूप से बच्चों को उच्च जोखिम होगा. उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कह रहे है कि उन्हें गंभीर बीमारी हो जाएगी, लेकिन वे निश्चित रूप से कोविड के विकसित होने से खतरे में आ जाएंगे.

डॉ. वर्मा ने बच्चों के टीके के बारे में चिंता व्यक्त करते कहा कि भविष्य में इसके शुरू होने की संभावना है. हमारे पास कुछ टीके हैं, जिन्हें स्वीकृत किया गया है. दुनिया भर में पांच साल की उम्र तक के बच्चों ने पहले ही टीका लेना शुरू कर दिया है. हालांकि, हमारे देश में अभी ऐसा नहीं हुआ है. इस कारण हमें अधिक से अधिक बच्चों की रक्षा करने का प्रयास करना चाहिए. इसके लिए बच्चों के आस-पास के सभी वयस्कों को टीका लगाया जाना जरूरी है. साथ ही कोविड उपयुक्त व्यवहार का अभ्यास करते हुए हम बच्चों की रक्षा कर सकते हैं.

बच्चों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए रोकथाम के उपायों पर बोलते हुए डॉ वर्मा ने सभी से अनुरोध किया कि वे कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के साथ ही एक बार आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूर करवाएं. वहीं, सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ धीरेन गुप्ता ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से ऐसी खबरें आ रही हैं कि ओमिक्रॉन के संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है.

डॉ गुप्ता ने कहा कि केवल टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार ही ऐसे संक्रमणों को रोक सकता है. उन्होंने कहा कि यदि आप कर्नाटक में ओमिक्रॉन के दो रोगियों को देखें, तो उन्होंने ऐसा नहीं किया और संपर्कों से संक्रमण फैलना शुरू हो गया. डॉ गुप्ता ने कहा कि वयस्कों के टीकाकरण को तुरंत बढ़ाने जैसी कार्रवाई की जानी चाहिए. किसी भी इंसान को तब तक अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि उसका टीकाकरण न हो जाए. इसके बाद बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू किया जाना चाहिए.

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