देश में ओमिक्रोन वैरिएंट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे सरकार चिंतिंत है और पाबंदियां लगाई जा रही हैं, इस बीच दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल से यह खबर आ रही है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से पीड़ित लोगों का इलाज पैरासिटामोल और मल्टी विटामिन के जरिये किया जा रहा है.
अस्पताल के चिकित्सकों ने यह जानकारी दी कि ओमिक्रॉन के मरीजों को अब तक केवल पैरासिटामोल और मल्टी विटामिन की गोलियां दी गयी हैं. उन्हें इसके अतिरिक्त अन्य किसी दवा की जरूरत अबतक नहीं पड़ी है.
दिल्ली में मिले ओमिक्रॉन संक्रमितों को एलएनजेपी अस्पताल में ही भरती कराया गया था. अब तक कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के 40 मरीजों को यहां भर्ती कराया जा चुका है. उनमें से 19 मरीजों को पूरी तरह से ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दी जा चुकी है. एलएनजेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि कि कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमित करीब 90 प्रतिशत मरीजों में बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं. शेष मरीजों में गला दर्द, हल्का बुखार और शरीर में दर्द होने जैसे मामूली लक्षण सामने आये हैं.
ओमिक्रॉंन संक्रमितों के इलाज में जुटे डॉक्टरों का कहना है कि इन मरीजों को केवल मल्टी विटामिन की टेबलट और पैरासिटामोल ही दिया गया है. ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित अधिकतर लोग विदेश से लौटे हैं और अधिकतर लोगों ने टीके की दोनों डोज ली हुई है.
देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों का आंकड़ा 350 के पार चला गया है, चूंकि इस वैरिएंट को डेल्टा से तीन गुना अधिक संक्रामक बताया जा रहा है इसलिए सरकार इसके प्रसार को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू और अन्य पाबंदियां लगा रही है. इसकी वजह यह है कि कुछ एक्सपर्ट्स की राय यह है कि शुरुआती दौर में कोई भी वैरिएंट माइल्ड इंपेक्ट के साथ ही सामने आता है और बाद में उसका प्रभाव बढ़ता जाता है.