Loading election data...

संजय राउत ने पीएम मोदी को दिलाई पुराने दिनों की याद, 2000 के नोट को लेकर कह दी यह बड़ी बात

उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने 2000 नोट को बंद करने के फैसले पर कहा कि पीएम मोदी ने जब पहली बार नोटबंदी की थी तब उन्होंने कहा था कि इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, काला धन, महंगाई कम होगी. उन्होंने कहा कि इसमें से कुछ भी नहीं हुआ. एक बार फिर वही काम फिर किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2023 12:51 PM

2000 रुपए के नोट के चलन को बंद करने के आरबीआई (RBI) के फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी ने जब पहली बार नोटबंदी की थी तब उन्होंने कहा था कि इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, काला धन, महंगाई कम होगी. उन्होंने कहा कि इसमें से कुछ भी नहीं हुआ. लोगों का रोजगार गया, भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद बढ़ गया. पीएम मोदी ने ये भी कहा था कि अगर मेरा ये फैसला गलत हुआ तो आप मुझे फांसी पर लटका देना. अब दूसरी बार नोटबंदी कर रहे हैं. देश की अर्थव्यवस्था के साथ इतना घिनौना खिलवाड़ इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा.

देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाला फैसला: इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने के रिजर्व बैंक के फैसले की निंदा करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने कर रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है. राउत ने पीएम मोदी के 2016 में घोषित नोटबंदी का हवाला देते हुए कहा कि रातोंरात 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने से लोगों की नौकरी चली गई, उन्हें लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा और उनका जीवन दयनीय हो गया.

अर्थव्यवस्था का मजाक: राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि केन्द्र सरकार अब एक बार फिर कदम उसी राह पर ले जा रही है. राउत ने कहा कि 1000 रुपये के नोट फिर आएंगे और 500 रुपये के नोट पहले ही आ चुके हैं. सरकार ने अर्थव्यवस्था का मजाक बना दिया है और इसलिए ही बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है.

Also Read: राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा- राष्ट्रपति को करना चाहिए नए संसद भवन का उद्घाटन, पीएम मोदी को नहीं

आरबीआई के फैसले पर गहन अध्ययन की जरूरत- आदित्य: इसी कड़ी में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि आरबीआई के इस फैसले पर गहन रूप से अध्ययन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2016 की नोटबंदी का भी ऑडिट किया जाना चाहिए.गौरतलब है कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की थी. हालांकि, इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा किए जा सकेंगे या बदले जा सकेंगे.

भाषा इनपुट से साभार

Next Article

Exit mobile version