कोरोना को मात देकर ठीक हुए लोगों के लिए काफी है वैक्सीन की एक डोज, शोध में हुआ खुलासा

एएनआई में चल रही खबर के अनुसार एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ गेस्‍ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी) अस्‍पताल के प्रमुख डॉक्‍टर डी नागेश्‍वर रेड्डी ने बताया है कि जिनको कोरोना हुआ है उनके लिए कोविशील्ड की एक डोज ही 12 महीनों तक काम करेगी. देश में वैक्सीन की कमी को लेकर पहलें भी खबरें आती रही है ऐसे में वैक्सीन के एक डोज से 12 महीने तक मिलने वाली सुरक्षा सरकार को नयी रणनीति बनाने में मदद कर सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2021 2:08 PM

देश में वैक्सीनेश की प्रक्रिया में तेजी आयी है. ऐसे में अब भी कई सवाल हैं कि कोरोना वैक्सीन कोरोना संक्रमित को कब, कितने अंतराल में लेनी चाहिए. भारत में कोरोना संक्रमित और वैक्सीनेशन को लेकर नयी रिसर्च सामने आयी है.

एएनआई में चल रही खबर के अनुसार एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ गेस्‍ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी) अस्‍पताल के प्रमुख डॉक्‍टर डी नागेश्‍वर रेड्डी ने बताया है कि जिनको कोरोना हुआ है उनके लिए कोविशील्ड की एक डोज ही 12 महीनों तक काम करेगी. देश में वैक्सीन की कमी को लेकर पहलें भी खबरें आती रही है, ऐसे में वैक्सीन के एक डोज से 12 महीने तक मिलने वाली सुरक्षा सरकार को नयी रणनीति बनाने में मदद कर सकती है.

Also Read: CBSE Board Exam 2021: क्या 10 वीं और 11 वीं का नंबर 12 वीं के परिणाम में जोड़ा जाना चाहिए ? पढ़ें पोल में लोगों ने क्या दिया जवाब

इस शोध के लिए अस्पताल के कर्मचारियों को दो ग्रुप में बांटा गया. एक ग्रुप में उन्हें शामिल किया गया जो कोरोना से संक्रमित हुए थे तो दूसरे ग्रुप में ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो कोरोना संक्रमण का शिकार नहीं हुए थे. यह कोई पहला शोध नहीं है इससे पहले कौन सी वैक्सीन बेहतर है इसे लेकर भी शोध हुआ था.

इस शोध में यह बात सामने आयी थी कोविशील्ड ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता देता है. वैक्सीन पर कई तरह के शोध के बाद ही एक डोज से दूसरे डोज के बीच के अंतराल को बढ़ाया गया है. देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार और तेज होगी. रूस की स्पूतनिक वैक्सीन का निर्माण देश में शुरु हो चुका है. जल्द ही वैक्सीन को लेकर रफ्तार और तेज होगी.

Also Read: twitter vs govt : केंद्र सरकार ने किस वजह से की कार्रवाई ? टि्वटर पर क्यों दर्ज हुआ केस ? क्या है पूरा विवाद यहां पढ़ें,पूरी कहानी

वैक्सीन पर हुए शोध को लेकर वैज्ञानिकों ने पहले भी यह कहा है कि कौन सी वैक्सीन बेहतर है इसे लेकर हुआ शोध कोई वैज्ञानिक आधार नहीं बताता. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी वैक्सीन को महत्वपूर्ण और कारगर बताया है.

Next Article

Exit mobile version