One Nation One Election: एक देश एक चुनाव लोकसभा में पेश, राजनीतिक दलों के सुर अनेक
One Nation One Election: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल को पेश किया.
One Nation One Election: लोकसभा में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पर पहली बार ई-वोटिंग कराई गई. जिसमें पक्ष में कुल 269 वोट पड़े और विपक्ष में कुल 198 वोट पड़े. लोकसभा में पेश होने के साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने प्रस्ताव दिया कि विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाना चाहिए.
वन नेशन वन इलेक्शन पर राजनीतिक दलों के सुर अनेक
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर राजनीतिक दलों के अलग-अलग मत हैं. कांग्रेस ने संसद में बिल को विरोध किया है. सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक संविधान विरोधी है. यह हमारे राष्ट्र की संघवाद के खिलाफ है. हम इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं.” वहीं कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “यह अच्छा है कि विधेयक को JPC के पास भेजा गया। हम भी यही मांग कर रहे थे. JPC में विधेयक पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए. विधेयक में कई कमियां हैं.”
रामदास अठावले ने बताया बिल कैसे होगा पास
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, “इसमें सत्ताधारी पार्टी को बहुमत मिला है. विधेयक JPC में जाएगा और इसपर अध्ययन किया जाएगा. फिर दोबारा ये बिल संसद में आएगा और चर्चा होगी. फिर यह बिल पास हो सकता है.”
गौरव गोगोई का आरोप सरकार संघीय ढांचे को करना चाहती है समाप्त
वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “सरकार यह तर्क दे रही है कि चुनाव के आयोजन में करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं और वो पैसों को बचाने की कोशिश कर रही है. ये भारत के पूरे संघीय ढांचे को खत्म करना चाहते हैं. हमने आज इस गैर संवैधानिक बिल का विरोध किया है.”
चिराग पासवान ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर विपक्ष की प्रतिक्रिया पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “मैं यह जानना चाहता हूं कि यह(एक राष्ट्र एक चुनाव) किस तरह संविधान विरोधी है?…वे(विपक्ष) इतने समय से केवल रट्टा मार रहे हैं कि यह संघीय ढांचे के खिलाफ है लेकिन यह कैसे संघीय ढांचे के खिलाफ यह तो बताएं. अगर देश में एक साथ चुनाव हो रहे हैं तो कैसे संघीय ढांचे पर प्रभाव हो रहे हैं? क्या आंध्र प्रदेश में एक क्षेत्रीय दल की जीत नहीं हुई? विपक्ष माहिर है झूठ बोलने में…छोटे दल भी इसका समर्थन कर रहे हैं… अफवाह फैलाना गलत है. आज की तारीख में जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता है.”
डीएमके ने बिल का किया विरोध
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को जेपीसी को भेजे जाने पर डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा, “डीएमके इस विधेयक का विरोध कर रही है. हमारा मानना है कि यह असंवैधानिक है, संघवाद के खिलाफ है और लोगों की इच्छा के खिलाफ है. हम चाहते हैं कि इस विधेयक को वापस लिया जाए लेकिन फिलहाल उन्होंने इसे जेपीसी को भेज दिया है.”
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सीपीआई ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल का किया विरोध
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पर सीपीआई नेता डी राजा ने कहा, “भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव का विरोध करती है. हमारी पार्टी ने अपने विचार कोविंद और उनकी अध्यक्षता वाली समिति को सौंप दिए हैं. भारत जैसे देश में, जिसमें कई विविधताएं हैं, ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ अव्यावहारिक है और बिल्कुल भी संभव नहीं है. सरकार को इस प्रस्ताव के पीछे का मकसद बताना चाहिए.”
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयुक्त के चुनाव की कर दी मांग
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बिल पर शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का मामला बाद में आना चाहिए, पहले चुनाव आयुक्त का चुनाव होना चाहिए. अगर राष्ट्रपति का चुनाव हो सकता है, तो चुनाव आयुक्त का क्यों नहीं? अगर लोगों को ईवीएम पर संदेह है, तो उसे दूर किया जाना चाहिए. एक बार बैलेट पेपर पर मतदान हो जाने दें. अगर उन्हें उतना ही बहुमत मिल जाता है, तो उसके बाद कोई सवाल नहीं उठाएगा.”