गलवान घाटी पर हुए चीन और भारत के सैनिकों के बीच झड़प के एक साल पूरे हो चुके हैं. इस दौरान दोनों ही देशों के बीच सैन्यस्तर की कई दौर की वार्ता हो चुकी है. इसके अलावा देश में एक और बदलाव आया है. दरअसल एक सर्वे के रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना के बाद अब 43 फीसदी लोगों ने चीन के उत्पादों से मुंह फेर लिया है, यानी चीनी उत्पाद खरीदना नहीं चाहते हैं.
लोकल सर्किल्स द्वारा किये गये इस सर्वे को मगंलवार को शोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाला गया. सर्वे में यह पाया गया कि पिछले 12 महीनों में 34 फीसदी ग्राहकों ने एक या दो चाइनीज उत्पाद खरीदे हैं. जबकि आठ फीसदी लोगों ने तीन से पांच समान खरीदा है.
चार प्रतिशत लोगों ने इस एक साल के बीच पांच से दस चाइनीज उत्पाद खरीदे हैं. जबकि तीन फीसदी लोगों ने 10 से 15 चीनी उत्पाद को पसंद किया है. जबकि एक फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने एक साल में 20 से अधिक चीनी उत्पाद खरीदा है. वहीं अन्य एक फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने 15 से 20 चीनी उत्पाद की खरीद की है.
9,052 लोगों के समूह पर किये गये सर्वे में छह प्रतिशत ग्राहकों ने अपनी कोई राय नहीं दी. इस पूरे सर्वे में भारत के 281 जिलों के 17,800 लोगों ने अपनी राय रखी. इनमें 67 फीसदी पुरुष और 33 फीसदी महिलाएं शामिल थी. जबकि इस मामले में अपनी राय वयक्त करने वाले 44 फीसदी लोग वन टियर और टू टियर शहरों में रहने वाले हैं, 25 फीसदी लोग थ्री टियर और ग्रामीण जिलों में रहने वाले लोग हैं.
सर्वे में यह बात सामने आयी की इसमें शामिल हुए 60 फीसदी लोगों ने एक साल में एक या दो चीनी सामन जरूर खरीदा है. 14 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने तीन या चार चीनी सामान खरीदा है. सात फीसदी लोगों ने पांच से दस, दो फीसदी लोगों से 10 से 15 चीनी समान खरीदा है. जबकि 10 फीसदी लोगों ने कोई उत्तर नहीं दिया.
जब उनलोगों से पूछा गया कि पिछले साल उन्होंने चीनी उत्पाद क्यों खरीदे थे, तो 70 फीसदी लोगों का जवाब था कि उन्हें लगता है कि चीनी उत्पाद सस्ते होते हैं. उनके दाम सही रहते हैं. जबकि 26 फीसदी लोगों ने कहा कि कम दाम में उसके मुताबिक सामान मिल जाता है. दो फीसदी लोगों ने कहा कि सामान की गुणवत्ता अच्छी होती है. 13 फीसदी लोगों ने कहा कि सस्ते दाम में अच्छा समान रहता है.
Also Read: Galwan Valley में भारतीय सैनिकों के साथ खूनी हिंसा में मारे गए थे 4 PLA सैनिक, चीन ने पहली बार बताया
Posted By: Pawan Singh