Onion: कई राज्यों में प्याज की कमी और आसमान छूती कीमतों पर लगाम लगाने के लिये केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक में रखे प्याज को निकालने का फैसला लिया है. इस फैसले से कई राज्यों में प्याज की कमी दूर होगी और और कीमतें नियंत्रण में आयेगा. केंद्र ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और अन्य राज्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोनीपत के कोल्ड स्टोरेज में रखे प्याज को निकालने का फैसला किया है.
उपभोक्ता मामले विभाग, नेशनल कॉपरेटिव कंजयूर्म्स फेडरेशन(एनसीसीएफ) और नेशनल एग्रीकल्चरल कॉपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(नेफेड) के अधिकारियों की एक टीम ने देश भर में प्याज की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए हाल ही में नासिक का दौरा किया था. नेफेड ने इस सप्ताह दिल्ली-एनसीआर के लिए दो और रेक तथा गुवाहाटी के लिए एक रेक मंगाया है. इसी तरह, बाजारों में प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सड़क परिवहन के माध्यम से भी प्याज की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है. एनसीसीएफ द्वारा रेल और सड़क परिवहन दोनों के माध्यम से अधिक आपूर्ति से प्याज की उपलब्धता और बढ़ेगी.
सरकार कीमतों पर कड़ी निगरानी रख रही है
सरकार बाजार के घटनाक्रमों से भली भांति परिचित है और प्याज की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी रख रही है. पीएसएफ के जरिए विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, चंडीगढ़, हरियाणा, गोवा आदि जैसे अधिकांश राज्यों में औसत खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से कम रही हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने इस साल मूल्य स्थिरीकरण बफर स्टॉक के लिए 4.7 लाख टन प्याज रबी सीजन में खरीदा था और 5 सितंबर, 2024 से 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बिक्री के माध्यम से और देश भर की प्रमुख मंडियों में थोक बिक्री के माध्यम से जारी करना शुरू कर दिया था.
अब तक बफर में 1.50 लाख टन से अधिक प्याज नासिक और अन्य स्रोत केंद्रों से उपभोक्ता केंद्रों तक भेजा जा चुका है. बाजारों में अधिक खरीफ प्याज की आवक के साथ-साथ बफर स्टॉक से प्याज निकालने में वृद्धि और देर से खरीफ की अच्छी बुवाई की प्रगति से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.