ऑनलाइन लोन लेने वाले सावधान, RBI पैनल ने पाया 600 से अधिक लोन देने वाले फ्रॉड ऐप्स
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन लेन-देन पर साइबर सुरक्षा को लेकर पहले ही सवाल उठाए जाते रहे हैं. इधर भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने डिजिटल लेंडिंग या मोबाइल ऐप्स के जरिए लोन देने वाले अवैध ऐप्स का एक आंकड़ा जारी किया है जिसमें 600 से अधिक फ्रॉड लेंडिंग ऐप्स, ऐप स्टोर में होने की बात सामने आई है.
ऐप्स के जरिए लोन लेने का ट्रेंड काफी प्रचलन में है इस बीच धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं. ग्राहकों की समस्या को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने डिजिटल लेंडिंग या मोबाइल ऐप्स के जरिए लोन देने वाले अवैध ऐप्स पर सख्त रवैया अपना सकती है. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक पैनल ने हैरान करने वाले आंकड़े जारी किए हैं. जिसमें पाया गया है कि 600 से अधिक फ्रॉड लोन ऐप ऐप स्टोर पर उपलब्ध हैं.
आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर 1100 से अधिक ऐसे फ्रॉड लोन ऐप हैं जिन्हें लोन(loan), तत्काल ऋण (instant loan), त्वरित ऋण (quick loan) जैसे कीवर्ड के साथ खोजा जा सकता है.आरबीआई की रिपोर्ट की मानें तो भारतीय एंड्रॉइड यूजर्स के लिए 80 से अधिक एप्लिकेशन स्टोर में लगभग 1100 लोन ऐप उपलब्ध हैं. वहीं, आरबीआई ने यूजर्स को अलर्ट जारी किया है कि वे लोन के आवेदन करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें.
बता दें कि हाल के दिनों में डिजिटल प्लेटफॉर्म में लोन से जुड़े धोखा धड़ी के मामले बढ़े हैं. इन ऐप्स के खिलाफ जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक 2500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई है. जिसमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं. इसके बाद कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, और गुजरात से है.
वहीं इस बीच आरबीआई के पैनल ने ऐप्स के जरिए अवैध डिजिटल लोन की धोखाधड़ी रोकने के लिए एक अलग कानून बनाने का भी सुझाव दिया है. समूह ने डिजिटल उधार को नियमित और सुधार के लिए कई दूसरे सुझाव भी दिए हैं. इस पैनल ने अपने रिपोर्ट में एक सुझाव ये भी दिया है कि एक नोडल एजेंसी की स्थापना कर लोन देने वाली कंपनियों की बैलेंस शीट और लोन देने वाले डिजिटल ऐप की तकनीकी साख की भी जांच की जाए. इस समूह अपनी वेबसाइट पर वैध और सत्यापित ऐप्स का एक पब्लिक रजिस्टर भी बनाकर रखेगा.