Opposition Meets President Drauapdi Murmu : मणिपुर मामले पर विपक्षी दल के 21 सांसदों ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने मणिपुर की स्थिति के बारे में अवगत कराया. बैठक के बाद नेतृत्व कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि हमें आश्वासन मिला है. आगे उन्होंने कहा कि हम एक होकर मजबूती से लड़ रहे है लेकिन, हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. आगे उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बहस नहीं करना चाहती है. साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिरकार राज्य में इतने हथियार कहां से आए. आइए सुनते है उन्होंने क्या कहा…
#WATCH | I.N.D.I.A. Floor Leaders along with 21 MPs' delegation that visited Manipur met President Droupadi Murmu today to seek her intervention in the matter
— ANI (@ANI) August 2, 2023
31 members of the INDIA alliance met President Murmu and 21 MPs' delegation that visited Manipur briefed her on the… pic.twitter.com/MDlSxjYS1y
संबोधन की प्रमुख बातें
खरगे ने बताया कि विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान उन्हें हरियाणा में दंगों के बारे में भी अवगत कराया. उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मणिपुर का दौरा करने के साथ ही जरूरी कदम उठाने चाहिए.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने संवाददाताओं से कहा , ‘हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. वहां घटने वाली घटनाओं , खासकर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के बारे में उन्हें अवगत कराया. हम राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित करने के लिए मिले.’
उन्होंने कहा, ‘हम लोकसभा में जब अपनी बात रख-रखकर थक गए थे, तो अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा. इस पर कल ही चर्चा होनी चाहिए थी. सरकार का एक ही मकसद है- जवाब नहीं देना और चीजों से बचना.’ खरगे के अनुसार , विपक्ष राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा चाहता है , लेकिन सरकार नहीं सुन रही है.
उन्होंने कहा , ‘दिल्ली से सटे राज्य में दंगे हो रहे हैं , लेकिन कोई संज्ञान नहीं लेता. हमने ये सारी बातें राष्ट्रपति को बतायीं.’ विपक्षी दलों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति मुर्मू को एक ज्ञापन भी सौंपा है जिसमें मणिपुर की स्थिति का विस्तृत उल्लेख करने के साथ ही उनके दखल की मांग की गई है.
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की ओर से बयान देते हुए कहा गया है कि दो मणिपुरी महिलाओं को राज्यसभा के लिए नामित किया जाए. ऐसा करने से राज्य की महिलाओं को हुए ‘गंभीर नुकसान’ की भरपाई करने में मदद मिलेगी.
विपक्ष का दावा- ‘हिंसा लगातार जारी’
विपक्षी नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर मणिपुर मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की है. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात का समय मांगा था. आज 11.30 बजे के करीब 21 सांसदों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की है और इस मामले में राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि भाजपा शासित पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा लगातार जारी है.
Delhi | I.N.D.I.A. Floor Leaders along with 21 MPs' delegation that visited Manipur met President Droupadi Murmu today to seek her intervention in the matter pic.twitter.com/tgRvweQehR
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‘प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर का दौरा करना चाहिए’
29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करने वाले विपक्षी गठबंधन Indian National Developmental Inclusive Alliance (I-N-D-I-A) के कुछ सांसद राष्ट्रपति से मिलने वाले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं. विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है, जिसके बाद सदन के अन्य सभी कामकाज को निलंबित कर नियम 267 के तहत चर्चा की जाएगी. राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर का दौरा करना चाहिए, राज्य में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने चाहिए.
Also Read: G20 Summit में बोले पीएम मोदी महिलाओं के नेतृत्व में उनके सशक्तिकरण के लिए अग्रसर है भारत"We urgently request your kind intervention to establish peace and harmony in the state without any further delay. Both the Union and state govt must fulfil their duty to provide justice to the affected communities. We implore you to press upon the PM to urgently address the… pic.twitter.com/gWxWx9dTz9
— ANI (@ANI) August 2, 2023
हरियाणा में जारी हिंसा के मुद्दे को भी उठाया
खरगे ने आगे मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान उन्होंने हरियाणा में जारी हिंसा के मुद्दे को भी उठाया है. मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपा गया है. इस ज्ञापन में लिखा हुआ है कि “हम बिना किसी देरी के राज्य में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए आपसे तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं. केंद्र और राज्य सरकार दोनों को प्रभावित समुदायों को न्याय प्रदान करने के लिए अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए. हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप प्रधानमंत्री पर तत्काल इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए दबाव डालें. मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर संसद में विस्तृत और व्यापक चर्चा हुई.