संसद का शीतकालीन सत्र इस बार भी हंगामेदार हो सकता है. शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, बीजद, आप सहित 31 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया. बैठक में विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, चीन से लगी सीमा की स्थिति, कॉलेजियम के मुद्दे से जुड़ा विषय, केंद्र राज्य संबंध एवं संघीय ढांचे का विषय एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण पर अदालती फैसले सहित कुछ अन्य मुद्दों को उठाने एवं चर्चा कराने के लिये पर्याप्त समय देने की मांग की है.
सरकार ने दिया बहस का आश्वासन: वहीं, सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्ष के नेताओं को आश्वस्त दिया है. सरकार ने कहा कि विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की अनुमति से नियमों के तहत जिस भी मुद्दे पर चर्चा करेगा, सरकार उसपर बहस करने को तैयार है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार हो सकता है.
इस मुद्दों पर चर्चा चाहता है विपक्ष: विपक्षी दलों के साथ सरकार की बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि देश में कई ऐसे मुद्दे हैं जिसपर संदन में चर्चा होना चाहिए. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देश में आज मुद्दे ही मुद्दे है जिसपर विपक्ष सदन में बहस करना चाहता है. ऐसे में सरकार को सदन में इन मुद्दों पर चर्चा का समय देकर कामकाज का माहौल तैयार करना चाहिए.
कांग्रेस इन मुद्दों पर चाहती है चर्चा: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा सदन में विपक्ष सरकारी प्रतिष्ठानों का कथित दुरूपयोग, केंद्र राज्य संबंध एवं संघीय ढांचे पर आघात से जुड़ा मुद्दा उठाएंगे. इसके अलावा सीमा पर चीन को लेकर जो सवाल खड़े हो रहे हैं उसपर भी विपक्ष बहस करना चाहता है. चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर भी विपक्ष चर्चा करना चाहता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर से हिन्दुओं का पलायन मुद्दे पर भी सदन में चर्चा की जाएगी.
शीतकालीन सत्र में होंगी 17 बैठकें: बता दें, संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू हो रहा है. सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा. इस बार के शीतकालीन सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी. इससे पहले सरकार ने पिछले सप्ताह शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किये जाने वाले 16 विधेयकों की सूची जारी की थी .
भाषा इनपुट के साथ