कांग्रेस (Congress leader) नेता कपिल सिब्बल( kapil sibal) के आवास पर रात नौ बजे के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar), राजद प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav), टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, रालोद नेता जयंत चौधरी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और आनंद शर्मा जुटे हैं.
हालांकि अभी विपक्ष के किसी भी नेता ने यह बयान नहीं दिया है कि वे किस मुद्दे पर चर्चा के लिए कपिल सिब्बल के आवास पर जुटे हैं, लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह जुटान आगामी यूपी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीतियों पर चर्चा के लिए है.
बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद से विपक्ष नयी ऊर्जा में दिख रहा है. उन्हें एक उम्मीद की किरण नजर आयी है कि देश में मोदी का विकल्प खड़ा हो सकता है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में दिल्ली का दौरा किया था और विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकाता की थी. उनके इस दौरे को भी मिशन 2024 से जोड़कर देखा जा रहा था.
Delhi: NCP chief Sharad Pawar, TMC MP Derek O'Brien, RJD chief Lalu Prasad, DMK's Tiruchi Siva, RLD leader Jayant Chaudhary, Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav, Congress MPs Shashi Tharoor & Anand Sharma & other Opposition leaders arrive at Kapil Sibal's residence for a meeting pic.twitter.com/RgHsMXDBmj
— ANI (@ANI) August 9, 2021
बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के रणनीतिक सलाहकार रहे प्रशांत किशोर ने चुनाव के बाद कहा था कि वे कुछ बड़ा करना चाहते हैं और उसके बाद उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ कई दौर की वार्ता की थी. हालांकि वार्ता का सार शेयर नहीं किया गया था, लेकिन यह भेंट विपक्ष को एकजुट करने और पीएम पद के उम्मीदवार का चेहरा तय करने के लिए ही थी. प्रशांत किशोर पिछले दिनों राहुल गांधी से भी मिले थे और यह चर्चा भी आम थी कि वे कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं.
कपिल सिब्बल के आवास पर विपक्षी दिग्गजों की बैठक तब हो रही है जब राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर गये हुए हैं. कपिल सिब्बल कांग्रेस के ऐेसे नेता हैं जो गांधी परिवार से अलग भी अपना वजूद रखते हैं और अगर वे चाहें तो कांग्रेसियों को एकसाथ खड़ा भी कर सकते हैं. दरअसल विपक्ष के वैसे नेता जो नरेंद्र मोदी को टक्कर देने का सामर्थ्य रखते हैं वे पीएम के रूप में राहुल गांधी को अपना नेता मानेंगे इसकी संभावना बहुत कम ही है. ऐसे में विपक्ष के पास सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि विपक्ष एकजुट तो हो जायेगा लेकिन वे किस नेता के नाम पर एक छाते के नीचे आयेंगे, इसपर सहमति बनना टेढ़ी खीर है.
इन हालात में कपिल सिब्बल के आवास पर विपक्षियों की बैठक काफी अहम है. अगले साल की शुरुआत में यूपी में विधानसभा चुनाव भी होना है. अखिलेश यादव ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि उनकी पार्टी किस पार्टी के साथ गठबंधन करेगी, यूपी से भी योगी सरकार को हटाने के लिए विपक्ष तैयारी कर रहा है लेकिन उनमें एकजुटता नहीं है. अखिलेश और राहुल साथ चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन फायदा कुछ नहीं मिला था. ऐसे में रणनीति क्या होगी यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा.
Posted By : Rajneesh Anand