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यूपीए का कांग्रेस ही करेगी नेतृत्व, सोनिया के घर पर हुई बैठक में विपक्षी नेताओं ने बनाई रणनीति

10 जनपथ में हुई बैठक में कई विपक्षी चेहरे नजर आये. बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत, टीआर बालू, मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल समेत कई और नेता मौजूद थे.

2024 को लोकसभा चुनाव अभी भले ही दूर हो, लेकिन विपक्षी दलों ने अबी से ही इसके लिए कमर कसनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर विपक्षी दलों के नेताओं की बड़ी बैठक हुई. 10 जनपथ में हुई बैठक में कई विपक्षी चेहरे नजर आये. बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत, टीआर बालू, मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल समेत कई और नेता मौजूद थे. बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी थे.

गौरतलब है कि मिशन 2024 को लेकर विपक्ष लामबंद होने की कवायद में जुटा है. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब यूपीए को मजबूत करने की दिशा में इससे जुड़ा हर घटक प्रयास में लगा है. बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक को लेकर शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि, विपक्ष एकजुटता को लेकर बैठक का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि बैठक ने नेताओं ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर चर्चा की, 12 सांसदों पर संसद में हुई कार्रवाई पर भी बैठक में विपक्ष ने अपना स्टैंड साफ किया. उनका कहना है कि हम माफी नहीं मांगेंगे.

वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के उस बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि 12 नेता पश्चाताप और खेद जाहिर करें उसके में सदन में आएं, इसपर संजय राउत ने कहा कि, माफी मांगने का सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि कोई माफी नहीं, कोई पछतावा नहीं, विपक्ष एकजुट होकर इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा. वहीं, फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि बैठक में विपक्षी एकता पर बात हुई. देश में जो मौजूदा समस्या है विपक्ष के नेताओं ने उसपर चर्चा की.

ममता के बिना रहेगा यूपीए! : गौरतलब है कि ममता बनर्जी को यूपीए के अंतर्गत लाने की कोशिश की जा रही है. हाल में ही इसको लेकर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा था कि वो यूपीए का हिस्सा बनेंगी. एनसीपी नेता शरद पवार ममता बनर्जी से बात करने की कोशिश में जुटे हैं. हालांकि ममता ने यूपीए से किनारा किया हुआ है. उन्होंने कई बार बयान दिया है कि अब यूपीए जैसा कुछ भी नहीं है.

गौरतलब है कि कांग्रेस और टीएमसी में इन दिनों काफी खटास है. बीते कुछ समय पहले राहुल गांधी पर दिए बयान को लेकर टीएमसी और कांग्रेस में जमकर नूरा कुश्ती हुई थी. इस बीच राजनीति गलियारों में इसकी भी चर्चा है कि ममता यूपीए से इतर विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटी हैं. जाहिर है साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाला है. और बीजेपी से टक्कर लेने के लिए विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष अभी से ही विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटा हुआ है.

Posted by: Pritish Sahay

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