Opposition Meeting: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ होने वाली लोकसभा चुनाव में एकजुट होने और उन्हें हराने की कोशिश में लगे विपक्षी दलों की खास बैठक आज सीएम नितीश कुमार द्वारा पटना में बुलाई गयी है. इस मीटिंग में कई तरह की रणनीतियां बनाई जाएंगी. इस बैठक को विपक्षी दलों का महाजूटान बताया जा रहा है. इसी बीच खबर आयी है कि, दिल्ली के सीएम और आप के नेशनल को-ऑर्डिनेटर अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश का मुद्दा इस मीटिंग के दौरान उठा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की अगर माने तो आप ने धमकी दी है कि, अगर कांग्रेस दिल्ली को लेकर लाये गए अध्यादेश का विरोध का भरोसा नहीं दिलाते हैं तो वह पटना में हो रहे इस मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे.
18 विपक्षी दलों की पटना में हो रही यह बैठक हाल के वर्षों में सबसे बड़ी बैठकों में से एक है, और अगले आम चुनाव से लगभग नौ महीने पहले यह विशेष रूप से जरूरी है। फिर भी, बातचीत में रूपरेखा या क्षेत्रीय व्यवस्था और संरेखण या तथाकथित सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम का प्रभुत्व होने की संभावना नहीं है. बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं ने बताया कि दिल्ली में ब्यूरोक्रेट्स के कंट्रोल पर केंद्र सरकार के हालिया अध्यादेश से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच टकराव की संभावना के साथ कार्यवाही पर लंबा असर पड़ सकता है.
नाम न छापने की शर्त पर नेताओं ने बताया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, जो चाहते हैं कि अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो, अगर कांग्रेस अप्रतिबद्ध रहती है तो उन्हें आपत्ति हो सकती है. इससे विपक्षी एकता की संभावना उभरने से पहले ही खत्म हो सकती है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 20 मई को घोषित अध्यादेश, सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को अस्वीकार करने के लिए लाया गया था, जिसने केजरीवाल के नेतृत्व वाली निर्वाचित दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में कानून बनाने और सेवाओं को नियंत्रित करने का अधिकार दिया था. अध्यादेश में सीएम और दो ब्यूरोक्रैट्स से युक्त एक एडमिनिस्ट्रेटिव अथॉरिटी की स्थापना की गई और कहा गया कि सभी फैसले बहुमत से लिए जा सकते हैं.
जानकारी के लिए बता दें, कई विपक्षी दलों ने केजरीवाल का समर्थन किया है, वहीं दिल्ली, पंजाब और अन्य राज्यों में आप की कट्टर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है. दिल्ली के सीएम द्वारा मिलने का समय मांगने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी (दोनों विपक्ष की बैठक में हिस्सा लेंगे) ने उनसे मुलाकात नहीं की है. आज ऐसा न करना उनके लिए मुश्किल हो सकता है.
आप की बैठक से बाहर निकल जाने के बारे में अटकलों वाली मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए, पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बताया कि, मुझे विपक्षी बैठक से वॉकआउट की योजना के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन हमारा टॉप लीडरशिप मीटिंग में हिस्सा लेगा और यह वॉकआउट उनका फैसला होगा. हमें भरोसेमंद सूत्रों से जानकारी मिली है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि कांग्रेस बीजेपी का समर्थन करेगी और जब यह असंवैधानिक अध्यादेश राज्यसभा में लाया जाएगा तो ऐसे में कांग्रेस वॉकआउट कर देगी. वैसे भी, मैं यह समझने में असमर्थ हूं कि कांग्रेस एक अध्यादेश पर स्टैंड लेने में इतना समय क्यों ले रही है जो स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है.