नई दिल्ली : भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने रविवार को विपक्षी एकता पर हमला करते हुए कहा है कि किसी को सत्ता से बेदखल करने के लिए वे लोग जुनूनी हो गए हैं. समाचार एजेंसी भाषा को दिए एक साक्षात्कार में बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ाई देश के समक्ष उपस्थित प्रमुख मुद्दों पर आधारित होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा लगता है कि वे सत्ता से किसी को बेदखल करने को लेकर जुनूनी हो गए हैं. बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक के कुछ दिन बाद उनका यह बयान आया है.
देश के कल्याण के मूल सिद्धांतों से समझौता नहीं
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव के बेटे एवं राज्य के मंत्री केटी रामाराव ने कहा कि उनकी पार्टी देश के कल्याण से जुड़े मूल सिद्धांतों के मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेगी. वह केवल उन राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करेगी, जिनका एजेंडा लोगों के हित के लिए काम करना हो. उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई देश के सामने प्रमुख मुद्दों पर होनी चाहिए. दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है. ऐसा लगता है कि हम किसी को हटाने या किसी को वहां बैठाने को लेकर जुनूनी और चिंतित हैं. एजेंडा यह नहीं होना चाहिए. एजेंडा यह होना चाहिए कि देश की बुनियादी प्राथमिकताओं को कैसे पूरा किया जाए.
अपने दम पर 2024 का आम चुनाव लड़ेगी बीआरएस
वर्ष 2024 के आम चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को आयोजित 17 विपक्षी दलों की बैठक पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आपको किसी के खिलाफ एकजुट नहीं होना चाहिए. आपको किसी चीज के लिए एकजुट होना चाहिए. वह क्या है, कोई भी समझ नहीं पा रहा है. बीआरएस विपक्षी दलों की इस बैठक में शामिल नहीं हुआ था. केटी रामाराव ने संकेत दिया कि बीआरएस अपने दम पर वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार है और वह बड़ी संख्या में सीट जीतने का लक्ष्य रखते हुए एक प्रभावशाली शुरुआत करने की कोशिश करेगी.
इस साल तेलंगाना में होगी बीआरएस की अग्नि परीक्षा
तेलंगाना में पिछले दो विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर पिछले अक्टूबर में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) रखा गया था. दो महीने बाद इसे एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पंजीकृत किया गया. राज्य में अगला विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक होना है. बताया जा रहा है कि इसी विधानसभा चुनाव में बीआरएस की अग्नि परीक्षा हो जाएगी.
भारत में संयुक्त मोर्चा कभी नहीं होगा सफल
बीआरएस प्रमुख केटी रामाराव ने कहा कि भारत में कांग्रेस या भाजपा को आधार बनाकर कोई भी संयुक्त मोर्चा सफल नहीं होगा, क्योंकि ये राष्ट्रीय पार्टियां देश के लिए आपदा साबित हुई हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दलों को सैद्धांतिक कल्याण के एजेंडे पर एकजुट होना चाहिए, जो देश के लिए मायने रखता है. उन्होंने कहा कि आज देश के लिए जो मायने रखता है, वह रोजगार, किसानों की समृद्धि, सिंचाई और ग्रामीण आजीविका का सृजन है. ये ऐसी चीजें हैं जो मायने रखती हैं, हिजाब या हलाल और धर्म के इर्द-गिर्द बकवास नहीं.
विकास में बाधा डालने का विरोध
उन्होंने जोर देकर कहा कि बीआरएस भारत के विकास में बाधा डालने वाले दलों का विरोध करती है. उन्होंने कहा कि वे दो प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस हैं. कांग्रेस ने 50 साल तक शासन किया, जबकि भाजपा ने 15 साल तक. अगर दोनों ने ठीक से काम किया होता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. राव ने दावा किया कि देश के पिछड़ने और पिछले 75 वर्षों में उतनी प्रगति ना होने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि नया राज्य होने के बावजूद तेलंगाना ने बहुत कम समय में काफी प्रगति की है.