नयी दिल्ली : मोदी कैबिनेट में आज बड़ा फेरबदल हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 43 नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी. वहीं, मोदी मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए घेरा है. मालूम हो कि शपथ ग्रहण के पूर्व करीब दर्जन भर केंद्रीय मंत्रियों ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा.
कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी कैबिनेट में फेरबदल को लेकर तंज कसते हुए कहा है कि ”खराबी इंजन में है और बदले डिब्बे जा रहे है! यही तो है ‘दुर्दशाजीवी मोदी मंत्रिमंडल’ के विस्तार की सच्चाई!” साथ ही कहा है कि ”कोविड-19 के आपराधिक कुप्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जिम्मेदार है. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. क्या पीएम अपनी नाकामियों की जिम्मेदारी लेंगे? या पीएम डॉ हर्षवर्धन को ही पीएम की विफलताओं के लिए बलि का बकरा बनाएंगे?”
खराबी इंजन में है और बदले डिब्बे जा रहे है !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 7, 2021
यही तो है “दुर्दशाजीवी मोदी मंत्रिमंडल” के विस्तार की सच्चाई !
🤔🤔
National Disaster Management Authority is responsible for criminal mis-management of #COVID19.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 7, 2021
It is headed by the Prime Minister.
Will PM take responsibility for his failures?
Or will PM only make Dr. Harshvardhan the scapegoat for PM’s failures?#CabinetExpansion2021
समाजवादी पार्टी के आईपी सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि ”जिस आदमी को खुद पद छोड़ देना चाहिए, वो अपनी नाकामी छुपाने के लिए दूसरे मंत्रियों से इस्तीफा ले रहा है. सिर्फ एक इस्तीफे की जरूरत है, सरकार भी सुधर जाए और देश भी.
https://twitter.com/IPSinghSp/status/1412704077763399689वहीं, कैबिनेट विस्तार पर कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि ”कई दलितों, पिछड़ी जातियों को मंत्री बनाया जा रहा है. वे ऐसा चुनाव के बिंदु से कर रहे हैं. ऐसा लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. वे समुदायों के कल्याण के लिए नहीं, बल्कि अपनी मजबूरी के कारण ऐसा कर रहे हैं.”
Several Dalits, backward caste members are being made ministers. They are doing it from the point of polls. This is being done to distract people. They are not doing this for welfare of communities but because of their compulsion: Cong MP Mallikarjun Kharge on Cabinet expansion pic.twitter.com/GhUZbjIpRR
— ANI (@ANI) July 7, 2021
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि ”अभागा डॉ हर्षवर्धन, एक अच्छे इंसान को उच्चतम स्तर पर स्मारकीय विफलताओं के लिए बलि का बकरा बनाया गया है- और कहीं नहीं.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि ”केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य राज्य मंत्री का इस्तीफा एक स्पष्ट स्वीकारोक्ति है कि मोदी सरकार महामारी के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है. इन इस्तीफे में मंत्रियों के लिए एक सबक है. अगर चीजें सही होती हैं, तो इसका श्रेय प्रधानमंत्री को जायेगा, अगर चीजें गलत हुईं, तो मंत्री पतनशील व्यक्ति होंगे. यह वह कीमत है, जो एक मंत्री निहित आज्ञाकारिता और निर्विवाद अधीनता के लिए चुकाता है.”
There is a lesson for ministers in these resignations. If things go right the credit will go to the PM, if things go wrong the Minister will be the fall guy.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 7, 2021
That is the price a Minister pays for implicit obedience and unquestioning subservience.
इसके अलावा सुरजेवाला ने एक के बाद एक ट्वीट करके बताया है कि किन-किन मंत्रियों को हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि सबसे पहले देश के स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री, वित्त मंत्री और पेट्रोलियम मंत्री को हटाने की बात कही है.
उन्होंने वैक्सीन, दवाइयों, ऑक्सीजन की कमी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री, कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री, भारतीय सरजमीं पर चीन के कब्जे को लेकर रक्षा मंत्री, उग्रवाद-नक्सलवाद के फैलने और सामाजिक सौहार्द टूटने को लेकर गृहमंत्री, देश की अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी को लेकर वित्त मंत्री, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस को लेकर पेट्रोलियम मंत्री को हटाने की बात कही है.