All Party Meeting: श्रीलंका संकट पर सर्वदलीय बैठक में राज्यों के कर्ज का उठा मुद्दा, विपक्ष ने किया विरोध
All Party Meeting On Sri Lanka Crisis: विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया कि इस मुद्दे पर आखिर राजनीति क्यों हो रही है? टीआरएस के सूत्रों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए जान-बूझकर तेलंगाना की वित्तीय स्थिति का मुद्दा उठा रहा है.
All Party Meeting On Sri Lanka Crisis: श्रीलंका संकट पर बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में राज्यों की वित्तीय स्थिति का मुद्दा उठाया गया, तो विपक्ष ने इसका पुरजोर विरोध किया. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों ने राज्यों के कर्ज लेने के मुद्दे का जमकर विरोध किया. सभी दलों ने सरकार से पूछा कि अगर राज्यों के कर्ज लेने का मुद्दा यहां उठाया जा रहा है, तो केंद्र सरकार के कर्ज के बारे में क्यों चर्चा नहीं हो रही?
वित्तीय संकट पर राजनीति क्यों: विपक्ष
विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया कि इस मुद्दे पर आखिर राजनीति क्यों हो रही है? टीआरएस के सूत्रों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए जान-बूझकर तेलंगाना की वित्तीय स्थिति का मुद्दा उठा रहा है. बता दें कि मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी थी.
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वित्त मंत्रालय ने दिया विस्तृत प्रेजेंटेशन: डॉ एस जयशंकर
दूसरी तरफ, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि बहुत से लोगों को चिंता थी कि कहीं भारत की भी स्थिति श्रीलंका जैसी तो नहीं हो जायेगी. मीडिया में ऐसी खबरें भी चल रहीं थीं. इसलिए हमने वित्त मंत्रालय से इस पर एक प्रेजेंटेशन मांगा था. वित्त मंत्रालय ने विस्तृत प्रेजेंटेशन बनाकर हमें दिया. इसमें राज्यवार ब्योरा था. खर्च से लेकर आमदनी तक, कर्ज से जीएसडीपी, वृद्धि दर या कर्ज, कर्ज जो उन्होंने ले रखा है, संपत्तियों को लीज पर दे रखा है.
अच्छे माहौल में हुई वार्ता
इतना ही नहीं, GENCOM और DISCOM जैसी ऊर्जा कंपनियों को राज्यों ने जो बकाया के बदले में गारंटी दे रखी है. हमारी बहुत अच्छे माहौल में वार्ता हुई. अच्छी वार्ता हुई. सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए सभी दलों के नेता यह जानना चाहते थे कि हमारी तैयारी कैसी है.
गंभीर संकट का सामना कर रहा श्रीलंका: एस जयशंकर
बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका बहुत गंभीर संकट का सामना कर रहा है. स्वाभाविक रूप से भारत इससे काफी चिंतित है. उन्होंने कहा कि भारत में ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होगी, इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है. डॉ जयशंकर ने कहा, ‘जिस कारण से हमने आप सभी से सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध किया है, वह यह है कि यह एक बहुत गंभीर संकट है. श्रीलंका में जो हम देख रहे हैं, वह कई मायने में अभूतपूर्व स्थिति है.’
All Opposition parties (at the all-party meeting) objected to the mention of the financial condition of the Indian states in a meeting on Sri Lanka: Sources
— ANI (@ANI) July 19, 2022
श्रीलंका जैसी स्थिति भारत में नहीं
एस जयशंकर ने कहा, ‘यह मामला करीबी पड़ोसी से संबंधित है और इसके काफी करीब होने के कारण हम स्वाभाविक रूप से परिणामों को लेकर चिंतित हैं.’ जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका को लेकर कई गलत तुलनाएं हो रही हैं और कुछ लोग पूछ रहे हैं कि क्या ऐसी स्थिति भारत में आ सकती है. उन्होंने इसे गलत तुलना बताया. सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री मौजूद थे.
विपक्षी दलों के नेता हुए बैठक में शामिल
बैठक में कांग्रेस के पी चिदंबरम, मणिकम टैगोर, एनसीपी के चीफ शरद पवार, डीएमके के टीआर बालू और एमएम अब्दुल्ला, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तेलंगाना राष्ट्र समिति के केशव राव, बहुजन समाज पार्टी के रीतेश पांडे, वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी और एमडीएमके के वाइको आदि ने हिस्सा लिया.
श्रीलंका में आपातकाल
श्रीलंका पिछले 7 दशकों में सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है. सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद आर्थिक संकट से उपजे हालातों ने देश में एक राजनीतिक संकट को भी जन्म दिया है. कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है.