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स्टालिन की बेटी के घर पर आईटी छापे को लेकर विपक्ष के तेवर तल्ख, राहुल गांधी ने भाजपा पर साधा निशाना

द्रमुक सुप्रीमो स्टालिन ने कहा कि ‘दबाव' का सामना वह करेंगे और कार्यकर्ताओं को छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए. एक बयान में उन्होंने पार्टी के सदस्यों को चेताया कि वे अन्नाद्रमुक और उसके सहयोगियों की छापे जैसी ‘ध्यान भटकाने' वाली कार्रवाई या ‘झूठे प्रचार' से भ्रमित न हों.

वेल्लोर/नई दिल्ली : तमिलनाडु में द्रमुक सुप्रीमो एमके स्टालिन की बेटी सेंथामराई के चेन्नई स्थित घर पर आयकर के छापे को लेकर विपक्ष के तेवर तल्ख हो गए हैं. आयकर विभाग की इस कार्रवाई को लेकर द्रमुक ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई राजनीतिक मकसद से प्रेरित है. वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा है.

द्रमुक सुप्रीमो स्टालिन ने कहा कि ‘दबाव’ का सामना वह करेंगे और कार्यकर्ताओं को छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए. एक बयान में उन्होंने पार्टी के सदस्यों को चेताया कि वे अन्नाद्रमुक और उसके सहयोगियों की छापे जैसी ‘ध्यान भटकाने’ वाली कार्रवाई या ‘झूठे प्रचार’ से भ्रमित न हों.

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि चुनावी हार आसन्न देखकर विरोधियों के यहां छापेमारी करवाना भाजपा का सबसे बड़ा हथियार है. जयमकोंडम में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसी छापेमारी से चिंतित होने या डरने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि हम इससे परेशान होने वाले नहीं हैं. और छापेमारी कीजिए.

उन्होंने कहा कि ऐसे छापों से उनकी पार्टी को और ऊर्जा मिलेगी. उन्होंने कहा कि वह झुकने वाले नहीं हैं और उन्होंने आपातकाल (1975-77) का भी सामना किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने सोचा कि चुनाव में अब जबकि कुछ ही दिन बचे हैं, तो छापों के जरिये उन्हें उनके घरों में ही सीमित कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि द्रमुक के लोगों के साथ यह हथकंडा नहीं चलेगा.

वहीं, नई दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को सेंथामराई और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी का उद्देश्य चुनावी राज्य तमिलनाडु में सियासी फंडिंग पर नजर रखना था. उन्होंने कहा कि अब तक चेन्नई, कोयंबटूर और करूर में कार्रवाई के तहत 28 परिसरों पर छापेमारी की गई है.

आयकर विभाग के लिए नीतियां तैयार करने वाले सीबीडीटी के एक सूत्र ने दावा किया कि छापे के दौरान अब तक कर चोरी से संबंधित कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है और कार्रवाई अभी जारी है. उन्होंने कहा कि राज्य में तीन अलग-अलग समूहों और कुछ व्यक्तियों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है.

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन समूहों और व्यक्तियों में से कुछ कथित रूप से राजनीतिक फंडिंग में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं. छापे इन्हें सत्यापित करने और ऐसी गतिविधियों का खुलासा करने के लिए मारे जा रहे हैं.

उधर, द्रमुक महासचिव दुरईमुरुगन ने इससे पहले कहा कि ऐसे समय में जब पार्टी चुनाव प्रचार पूरा करने के चरण में है और मतदान का रास्ता देख रही है, तो आयकर अधिकारियों ने पार्टी प्रमुख स्टालिन की बेटी सेंथामराई के आवास पर ‘राजनीतिक उद्देश्य’ से तलाशी ली. अभी तक आयकर अधिकारियों ने इस तलाशी की न तो पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है.

बताया जा रहा है कि ऐसी ही छापेमारी अन्य उम्मीदवारों के यहां भी की गई है. यहां संवाददाताओं से बातचीत में दुरईमुरुनग ने दावा किया कि केंद्र ने दरअसल ‘गलत आकलन’ किया कि चुनाव से ठीक पहले तलाशी से स्टालिन, उनका परिवार और पार्टी स्तब्ध रह जाएगी और चुनाव की तैयारियां कमजोर पड़ेंगी.

उन्होंने कहा कि द्रमुक ऐसी पार्टी नहीं है, जिसे छापों से डराया जा सके. उन्होंने कहा कि पार्टी पहले ही ऐसे मामलों का सामना कर चुकी है और उसे इससे प्रभावित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि हाल में पार्टी नेता एवी वेलु से जुड़े परिसरों में आयकर विभाग ने तलाशी ली थी और अब सेंथामराई के आवास की तलाशी हुई है. केंद्र सरकार का इस तरह चाल चलना न तो ‘लोकतांत्रिक है और न ही ईमानदार राजनीति’ है और वह इस कदम की निंदा करते हैं.

द्रमुक महासचिव ने कहा कि अगर पार्टी इस तरह की तलाशी से डरती, तो काफी पहले ही ‘खत्म’ हो गई होती. इस तरह के कदमों से पार्टी अपने इरादे में और मजबूत होती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह सोचा होगा कि स्टालिन अपनी प्यारी बेटी को दुखी नहीं देख पाएंगे, लेकिन द्रमुक अध्यक्ष पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के नेता हैं और वह बहादुर शेर हैं.

दुरुईमुरुगन से जब राज्य में भाजपा की सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक और अन्य पार्टियों के नेताओं से जुड़े परिसरों में भी तलाशी लेने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि द्रमुक के लोगों के यहां छापेमारी उन्हें डराने के लिए की गई तथा बाकी अन्य तो ढकोसला है. माकपा के प्रदेश सचिव के बालाकृष्णन ने केंद्र की आलोचना करते हुए दावा किया कि छापे की कार्रवाई ध्यान भटकाने की कोशिश है, जिसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला.

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Posted by : Vishwat Sen

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