Loading election data...

केंद्र के खिलाफ आज से विपक्ष का हल्लाबोल, तीन कृषि कानून और पेगासस जासूसी के खिलाफ 11 दिन तक विरोध-प्रदर्शन

देश की इन 19 विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की मोदी सरकार के सामने अपनी 11 मांगें रखी थीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2021 10:03 AM

नई दिल्ली : तीन कृषि कानून को वापस लेने, पेगासस की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने, महंगाई पर काबू करने और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान करने समेत अपनी 11 मांगों को लेकर सोमवार से 19 विपक्षी पार्टियां सोमवार से केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगी. देश की 19 विपक्षी पार्टियों का यह आंदोलन आने वाले 11 दिनों यानी 30 सितंबर तक चलेगा. मीडिया की खबरों के अनुसार, बीते 20 अगस्त को ही वर्चुअल मीटिंग के दौरान इन विपक्षी पार्टियों ने 2024 के आम चुनाव में अपनी एकजुटता दिखाने के लिए आंदोलन करने की रणनीति तैयार की थी.

सरकार के सामने रखीं 11 मांगें

मीडिया की खबर के अनुसार, देश की इन 19 विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की मोदी सरकार के सामने अपनी 11 मांगें रखी थीं. विपक्षी पार्टियों ने सरकार के सामने अपनी मांगों को रखते हुए कहा था कि सरकार पेगासस जासूसी मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए. इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार के सामने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, महंगाई पर अंकुश लगाने और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर अपनी मांगों को रखा.

आयकर नहीं देने वाले परिवार को आर्थिक मदद दे सरकार

विपक्ष ने यह मांग भी की थी कि आयकर के दायरे से बाहर के सभी परिवारों को 7500 रुपए की मासिक मदद दी जाए और जरूरतमंदों को मुफ्त अनाज तथा रोजमर्रा की जरूरत की दूसरी चीजें मुहैया कराई जाएं. विपक्षी पार्टियों ने सरकार से कहा था कि पेट्रोलियम उत्पादों, रसोई गैस, खाने में उपयोग होने वाले तेल और दूसरी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में कमी की जाए.

निरस्त हो तीन कृषि कानून

इसके साथ ही, विपक्षी पार्टियों ने अपनी मांग में यह भी कहा है कि देश में लागू तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त किया जाए और एमएसपी की गारंटी दी जाए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण बंद हो, चारों श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाए और कामकाजी तबके के अधिकारों को बहाल किया जाए.

Also Read: अच्छी खबर: अगस्त में 5.30 प्रतिशत रही मुद्रास्फीति, अनाज और सब्जियों के दाम में गिरावट से घटी महंगाई
एमएसएमई के प्रोत्साहन पैकेज की मांग

इसी प्रकार विपक्षी दलों ने सरकार से आग्रह किया है कि सूक्ष्म, लुघ एवं मध्यम इकाइयों (एमएसएमई) के लिए प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए और सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरा जाए. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत कार्य की 200 दिन की गारंटी दी जाए और मजदूरी को दोगुना किया जाए.

Next Article

Exit mobile version