PM Modi at 2nd Global Covid Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) ने अभी भी आम जनजीवन और समाज को प्रभावित कर रहा है. भारत में हमने इससे निबटने के लिए व्यक्ति केंद्रित रणनीति अपनायी. हमने अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बजट आवंटित किया. हमने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया. पीएम मोदी ने ये बातें अमेरिका की ओर से आयोजित दूसरे ग्लोबल कोविड समिट में कहीं.
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि भारत के जीनोमिक कंसोर्टियम ने कोरोनावायरस के ग्लोबल डेटाबेस में अपना योगदान दिया है. हम अपने पड़ोसी देशों के साथ भी इसे साझा करेंगे. भारत में, हमने कोरोना के इलाज में और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अपनी पारंपरिक दवाओं का इस्तेमाल किया है. यही वजह है कि हम अनगिनत जिंदगी बचाने में कामयाब हुए हैं.
पिछले महीने हमने डब्ल्यूएचओ सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (WHO Centre for Traditional Medicine) की आधारशिला रखी. इसका उद्देश्य युगों-युगों के ज्ञान को विश्व के साथ साझा करना है. पीएम मोदी ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि भविष्य में हेल्थ इमरजेंसी से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी होंगे.
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पीएम मोदी ने डब्ल्यूटीओ और डब्ल्यूएचओ की कार्यप्रणाली में सुधार की अपील करते हुए कहा कि हमें एक ऐसी वैश्विक आपूर्ति शृंखला का निर्माण करना चाहिए, जो लचीला हो. साथ ही टीकों और दवाओं तक समान पहुंच को सक्षम बनाने की दिशा में हमें काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियमों को और लचीला बनाने की जरूरत है. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि WHO में बदलाव लाया जाये और उसे ज्यादा मजबूत बनाया जाये.
पीएम मोदी ने वैक्सीन को मंजूरी देने और आपूर्ति शृंखला में सुधार लाने की अपील की. उन्होंने कहा कि विश्व का एक जिम्मेदार राष्ट्र होने के नाते भारत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान भारत ने 98 देशों को 20 करोड़ वैक्सीन सप्लाई की. नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने सस्ता वैक्सीन तैयार किया. कोविड से निपटने के लिए परीक्षण, उपचार और डेटा प्रबंधन के लिए कम लागत वाली तकनीक विकसित की. हमने इसका लाभ अन्य देशों तक भी पहुंचाया.