बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से हिमाचल में हाहाकार, 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान, स्टेट डिजास्टर घोषित
हिमाचल प्रदेश में जारी बारिश और भूस्खलन के कारण घर ताश के पत्तों की तरह गिर रहे हैं. बारिश और लैंड स्लाइड के कारण बीते एक हफ्ते में दर्जनों जाने चली गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार ने मूसलाधार बारिश के कारण हुए भारी नुकसान को राज्य आपदा घोषित करने का फैसला लिया है.
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मूसलाधार बारिश के कारण हुए भारी नुकसान को राज्य आपदा घोषित करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी की जाएगी. हिमाचल प्रदेश, राज्य में हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया की भी प्रतीक्षा कर रहा है. हिमाचल प्रदेश में रविवार से भारी बारिश हो रही है, जिसकी वजह से शिमला समेत कई जिलों में भूस्खलन हुआ है.
राहत और बचाव जोर शोर से जारी- सुक्खू
मुख्यमंत्री ने सुक्खू ने कहा कि बचाव अभियान पूरे जोरों पर हैं और राज्य सरकार अपने संसाधनों के जरिए प्रभावित परिवारों, खासकर उन लोगों की मदद करने का प्रयास कर रही है जिनके घर अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सुक्खू ने कहा, केंद्रीय दलों ने नुकसान के आकलन के लिए प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया है और हमें केंद्र से समय पर मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य को अनुमानत: 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
ताश के पत्तों की तरह गिर रहे हैं घर
हिमाचल प्रदेश में जारी बारिश और भूस्खलन के कारण घर ताश के पत्तों की तरह गिर रहे हैं. बारिश और लैंड स्लाइड के कारण बीते एक हफ्ते में दर्जनों जाने चली गई है. शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने कहा कि समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने के साथ ही बारिश से प्रभावित हिमाचल प्रदेश में मरने वालों की संख्या 75 हो गई है. इनमें से 22 लोगों की मौत शिमला में समर हिल में स्थित शिव मंदिर, फागली और कृष्णानगर में हुए भूस्खलन में हुई. छह लोगों के अब भी मंदिर के मलबे में दबे होने की आशंका है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में 217 लोगों की मौत हुई है और 11,301 घर आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
राज्य में कुल 506 सड़कें अब भी बंद हैं और 408 ट्रांसफार्मर तथा 149 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं.पिछले तीन दिन में कांगड़ा जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों से 2,074 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सुक्खू ने पहले कहा था कि राज्य को इस मानसून में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में एक साल लगेगा. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन का दौर जारी है. लैंडस्लाइड के कारण कई घर तबाह हो चुके हैं. की घरों को खाली भी कराया जा रहा है. बता दें, बीते दिन हिमाचल प्रदेश के शिमला के कृष्णानगर इलाके में आये खतरनाक लैंडस्लाइड के कारण एक पेड़ इमारत पर गिर गया था. इसके बाद पूरी की पूरी इमारत ढह गई थी. इसी तरह समर हिल इलाके में बीते सोमवार को शिव मंदिर के पास लैंडस्लाइड हुआ था. जिसमें कई लोग इसकी चपेट में आ गये थे, इलाके में अभी भी रेस्क्यू जारी है. कई शव निकाले जा चुके हैं, जबकि अभी भी शवों की तलाश हो रही है.
छत्तीसगढ़ की ओर से 11 करोड़ रुपये की सहायता
इधर, छत्तीसगढ़ सरकार ने हिमाचल प्रदेश के आपदा पीड़ितों के लिए 11 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है. जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से मची तबाही के बीच लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़वासियों की ओर से 11 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हिमाचल में भीषण प्राकृतिक आपदा आई है, ऐसे में सभी छत्तीसगढ़वासी हिमाचल के लोगों के साथ हैं. अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने बृहस्पतिवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर बातचीत की थी तथा हिमाचल प्रदेश के हालात की जानकारी ली थी.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, पूरा देश हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ है. हम सब सामूहिक एकजुटता के साथ आपदा का सामना करेंगे और सामान्य स्थिति बहाल होने के लिए कार्य करेंगे.