चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन, दो जगहों पर मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड है ओवैसी! कांग्रेस का दावा
असदुद्दीन ओवैसी राजेंद्र नगर और खैरताबाद के दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में एक मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि यह एक निर्वाचित सांसद की स्पष्ट गैरजिम्मेदारी और अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन में चुनाव तंत्र की लापरवाही को दर्शाता है.
असदुद्दीन ओवैसी: कांग्रेस नेता जी निरंजन ने दावा किया है कि एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने खुद को दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता के रूप में पंजीकृत कराया है, जो स्पष्ट रूप से भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के खिलाफ है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य निरंजन ने 5 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में कहा है कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं जो आयोग के प्रावधान के खिलाफ है.
‘राजेंद्र नगर और खैरताबाद में मतदाता के रूप में पंजीकृत’
असदुद्दीन ओवैसी राजेंद्र नगर और खैरताबाद के दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में एक मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि यह एक निर्वाचित सांसद की स्पष्ट गैरजिम्मेदारी और अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन में चुनाव तंत्र की लापरवाही को दर्शाता है. निरंजन ने दोनों निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची भी संलग्न की, जिसे उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड करने का दावा किया.
‘दो जगह नाम होना चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन’
निरंजन के अनुसार, मतदाता सूची में ओवैसी का दो जगह नाम होना चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन है.ओवैसी का नाम राजेंद्र नगर और खैरताबाद विधानसभाओं की वोटर लिस्ट में होने पर उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीन कुमार को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. जी निरंजन ने ओवैसी के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के भाग III, धारा 17 के तहत कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि दो अलग-अलग विधानसभाओं की वोटर लिस्ट में नाम होना चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन है.
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‘निर्वाचित सांसद की गैरजिम्मेदारी सामने आई’
जी निरंजन ने सीईसी राजीव कुमार को लिखे पत्र में खैरताबाद और राजेंद्र नगर विधानसभा मतदाता सूची को भी संलग्न किया है. उनका कहना है कि इससे एक निर्वाचित सांसद की गैरजिम्मेदारी सामने आई है. साथ ही, यह फाइनल वोटर लिस्ट को पब्लिश करने में चुनाव तंत्र की लापरवाही को भी दर्शाता है.