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Oxford university की बनाई Corona Vaccine का भारतीय कंपनी करेगी उत्पादन

ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी अस्ट्राजेनेका ने दावा किया है कि वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और मॉर्डना आईएनसी की बनाई गई वैक्सीन का उत्पादन करने जा रही है. वैक्सीन का उत्पादन ब्रिटेन, स्वीट्जरलैंड नार्वे और भारत में किया जा रहा है.

नयी दिल्ली: कोरोना संकट से दुनिया परेशान है. दुनियाभर में 3 लाख 90 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सबको इस बात का इंतजार है कि इस वायरस को खत्म करने के लिये वैक्सीन कब बनेगा. डब्ल्यूएचओ भी कह चुका है कि कोरोना वायरस को खत्म करने का एकमात्र उपाय वैक्सीन है.

कोरोना वैक्सीन का भारत में होगा उत्पादन

इन सबके बीच एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी अस्ट्राजेनेका ने दावा किया है कि वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और मॉर्डना आईएनसी की बनाई गई वैक्सीन का उत्पादन करने जा रही है. वैक्सीन का उत्पादन ब्रिटेन, स्वीट्जरलैंड नार्वे और भारत में किया जा रहा है. ऑक्सफोर्ड द्वारा बनाई गयी वैक्सीन का नाम AZD1222 है.

2021 के अंत तक 1 अरब डोज बनाने का लक्ष्य

कंपनी के मुताबिक, वो भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर 2021 तक 1 अरब वैक्सीन का डोज बनाने जा रही है. इस साल के अंत तक इसमें से 40 करोड़ डोज बना लिया जायेगा. कंपनी के सीईओ पैस्कल सोरिअट ने इस खबर की पुष्टि की. उन्होंने कहा- अभी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल होना है लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि जब ट्रायल फाइनल होगा. ऑक्सफोर्ड अपने मिशन में सफल रहेगा, तब तक हमारे पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन तैयार मिलेगी.

अस्ट्राजेनेका के सीईओ पैस्कल सोरिअट ने कहा कि उनकी कंपनी वैक्सीन से तब तक लाभ नहीं कमायेगी जब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना महामारी के खत्म होने का एलान नहीं कर देता.

जानिये सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बारे में

अस्ट्राजेनेका के साथ वैक्सीन निर्माण का करार करने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का इस फील्ड में लंबा अनुभव है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में फिलहाल 165 देशों के लिये 20 तरह की वैक्सीन बनती है. करोड़ो की तादाद में यहां से वैक्सीन की सप्लाई होती है.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और मॉर्डना बना रही वैक्सीन

कुछ दिनों पहले डब्ल्यूएचओ ने बताया था कि दुनिया में 100 से ज्यादा टीमें वैक्सीन की खोज में जुटी है. इनमें से 15 ह्यूमन ट्रायल के स्टेज तक पहुंच पाई है. इसमें भी सबसे आगे है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और मॉर्डना आईएनसी की टीम. इस टीम ने वैक्सीन का शुरुआती परीक्षण 18 से 55 साल के 160 स्वस्थ लोगों पर किया था.

इसकी सफलता के बाद दूसरे चरण का ट्रायल हुआ. टीम, तीसरे चरण में ट्रायल की प्रक्रिया में बुजुर्गों और बच्चों को भी शामिल करने जा रही है., इस दौरान कुल 10 हजार 260 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जायेगा. टीम को उम्मीद है कि अगस्त के मध्य तक उनका वैक्सीन तैयार हो जायेगा.

ट्रंप ने किया कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका में कोरोना वैक्सीन का 20 लाख डोज तैयार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही वैज्ञानिक इसके सुरक्षित और उपयोगी होने की पुष्टि करते हैं, वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचा दिया जायेगा.

उन्होंने पत्रकारों से वार्ता के दौरान बताया कि गुरुवार को मैने अधिकारियों के साथ कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बैठक की. बैठक में ही मुझे बताया गया कि कोरोना वैक्सीन का 20 लाख डोज तैयार किया गया है. हालांकि ट्रंप ने ये स्पष्ट नहीं किया कि कौन सी टीम या कंपनी ने ये वैक्सीन तैयार किया है.

हालांकि, पूरी दुनिया इस समय उम्मीद पर कायम है. सब चाहते हैं कि जल्द से जल्द वैक्सीन बनें और लोगों को इस महामारी से निजात मिले.

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका में कोरोना वैक्सीन का 20 लाख डोज तैयार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही वैज्ञानिक इसके सुरक्षित और उपयोगी होने की पुष्टि करते हैं, वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचा दिया जायेगा.

उन्होंने पत्रकारों से वार्ता के दौरान बताया कि गुरुवार को मैने अधिकारियों के साथ कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बैठक की. बैठक में ही मुझे बताया गया कि कोरोना वैक्सीन का 20 लाख डोज तैयार किया गया है. हालांकि ट्रंप ने ये स्पष्ट नहीं किया कि कौन सी टीम या कंपनी ने ये वैक्सीन तैयार किया है.

हालांकि, पूरी दुनिया इस समय उम्मीद पर कायम है. सब चाहते हैं कि जल्द से जल्द वैक्सीन बनें और लोगों को इस महामारी से निजात मिले.

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