कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया है. शनिवार को चिदंबरम ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कहते हैं कि मांग में गिरावट आई है, 2020-21 में विकास नकारात्मक क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है. फिर वो अधिक तरलता को क्यों प्रभावित कर रहे हैं? उन्हें सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि “अपना काम करो, राजकोषीय उपाय करो…
Governor @DasShaktikanta says demand has collapsed, growth in 2020-21 headed toward negative territory. Why is he then infusing more liquidity?
He should bluntly tell the government ‘Do your duty, take fiscal measures’.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 23, 2020
आगे चिदंबरम ने लिखा कि RBI के कथन के बाद भी, क्या पीएमओ या वित्त मंत्री खुद की ऐसे पैकेज के सराहना कर रहे हैं जिसमें GDP का 1% से कम राजकोषीय प्रोत्साहन है? आरएसएस को शर्म आनी चाहिए कि कैसे सरकार ने अर्थव्यवस्था को नकारात्मक विकास के क्षेत्र में खींच लिया है.
Even after RBI’s statement, is the @PMOIndia or @nsitharaman lauding themselves for a package that has fiscal stimulus of less than 1% of GDP?
RSS should be ashamed of how the government has dragged the economy into negative growth territory.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 23, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर नकारात्मक रहने की संभावना जताए जाने की पृष्ठभूमि में शनिवार को कहा कि दास को सरकार से अपना फर्ज निभाने एवं राजकोषीय उपाय करने के लिए कहना चाहिए.
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आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कोविड-19 संकट के प्रभाव को कम करने के लिए ब्याज दरों में कटौती, कर्ज अदायगी पर ऋण स्थगन को बढ़ाने और कॉरपोरेट को अधिक कर्ज देने के लिए बैंकों को इजाजत देने का फैसला किया. आरबीआई ने प्रमुख उधारी दर को 0.40 प्रतिशत घटा दिया. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अचानक हुई बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया. इस कटौती के बाद रेपो दर घटकर चार प्रतिशत हो गई है, जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत हो गई है.
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इधर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि रिजर्व बैंक द्वारा ऋण की किस्त के भुगतान से राहत की अवधि बढ़ाने से विमानन क्षेत्र की कंपनियों मसलन हवाईअड्डों, एयरलाइंस और जमीनी कार्य करने वाली कंपनियों को लाभ होगा. इन कंपनियों के पास नकदी प्रवाह बढ़ सकेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड-19 संकट के मद्देनजर कर्जदारों को ऋण की किस्त का भुगतान और तीन महीने तक नहीं करने की छूट दी है. अब भुगतान छूट की सीमा को बढ़ाकर 31 अगस्त, 2020 कर दिया गया है.