गुजरात दंगों (Gujarat Riots) के सबूतों से छेड़छाड़ करने वाली तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) से पद्म श्री (Padma Shri) पुरस्कार वापस ले लिया जाना चाहिए. यह कहना है मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा का. नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया है कि तीस्ता सीतलवाड़ अवार्ड वापसी गैंग की सदस्य रही है. इसलिए तीस्ता सीतलवाड़ से पद्म श्री पुरस्कार वापस ले लेना चाहिए.
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा है कि कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (United Progressive Alliance) की सरकार ने अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को पद्म श्री पुरस्कार दिया था. वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में तीस्ता को गिरफ्तार किया गया है. 2 जुलाई तक उसे पुलिस हिरासत में भेजा गया है.
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तीस्ता सीतलवाड़ एक पत्रकार थीं. बाद में वह सामाजिक कार्यकर्ता बन गयीं. भारत के प्रथम अटॉर्नी जनरल एमसी सीतलवाड़ (MC Seetalvad) की पोती हैं. उनका एक बेटा है, जिसका नाम जिब्रान है. बेटी का नाम तामारा है. मुंबई में पढ़ी-लिखीं तीस्ता सीतलवाड़ कहती हैं कि वह गुजरात दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रही हैं. हालांकि, पैसों के गबन के आरोप में गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार करने के निर्देश दिये थे.
तीस्ता सीतलवाड़ सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस की सचिव हैं. इस संस्था का गठन वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के पीड़ितों की मदद के लिए हुआ था. हाल में गुजरात दंगों पर एसआईटी की रिपोर्ट में तीस्ता सीतलवाड़ पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं. इसके बाद ही तीस्ता को गिरफ्तार किया गया. तीस्ता के साथ-साथ गुजरात के रिटायर्ड डीजीपी आरबी श्रीकुमार को भी एसआईटी ने गिरफ्तार किया है. तीस्ता ने कोर्ट में कांग्रेस नेता की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका का समर्थन किया था.