पाकिस्तान में अब मंदिर की जमीन की लीज न तो परिवर्तित होगी और न ही इस बेचा जा सकेगा. भविष्य में इसका कॉमर्शियल उपयोग करने पर भी रोक लगा दी गयी है. पिछले दिनों खैबर पख्तनूख्वा प्रांत के एबटाबाद स्थित एक मंदिर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश के बाद स्थानीय प्रशासन ने यह व्यवस्था दी है. खबर के मुताबिक, मंदिर की जमीन पर माफिया की नजर थी. वे मंदिर को तोड़ कर जमीन का व्यापारिक इस्तेमाल करना चाहते थे.
बता दें कि उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कुछ दिनों पहले अल्पसंख्यक समुदाय के एक नेता ने कुछ शरारती लोगों द्वारा हमले की आशंका के चलते पूजा स्थल की सुरक्षा की मांग की थी, जो उस जमीन पर कब्जा करना चाहते थे. इसके अलावा प्रशासन ने एबटाबाद के हवेलिया मंदिर की सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती का भी फैसला लिया गया है. मालूम हो कि पाकिस्तान में रखने वाले अल्पसंख्यकों की हालात किसी से छिपी नहीं है.
पिछले दिनों पड़ोसी मुल्क में स्थित कई हिन्दू मंदिरों पर हमले की खबरे सामने आयी और को तो तोड़ भी दिया गया था. दिसंबर में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित एक मंदिर को उन्मादी भीड़ ने तोड़ दिया था. इस घटना के बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पुननिर्माण का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा कि इस हमले से देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है. वहीं कोर्ट ने इवैक्यू प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड’ (ईपीटीबी) को आदेश दिया कि मंदिर का पुनर्निर्माण प्रारंभ करे. बता दें कि खैबर पख्तूनख्वा में तोड़ा गया यह मंदिर एक सदी पुराना था.