नयी दिल्ली : पाकिस्तान (Pakistan) अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. एक बार फिर पाक ने भारत में आतंक फैलाने की योजना बनाई है. पाकिस्तानी सेना ने यह काम आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed), लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और हिजबुल मुजाहीद्दीन (Hizbul Mujahideen) को सौंपा है. खुफिया विभाग (Indian intelligence and security agencies) की जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी सेना के रावलपिंडी जनरल हेडक्वार्टर में अगस्त 2019 से लश्कर और जैश के साथ तालमेल बनाने का काम कर रहा है, जो पूरा हो गया है.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अब भारत में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तानी सेना जैश, लश्कर और हिजबुल की मदद लेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि खुफिया विभाग और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार किये गये एक डोजियर के अनुसार, प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कमांडर मुफ्ती मोहम्मद असगर खान के नेतृत्व में लश्कर और हिजबुल सहित तालिबानी संगठनों के प्रमुखों की कई बैठकें हुई हैं.
कहा गया कि जब से भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया है तभी से पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई इन आतंकी संगठनों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहा है. इंटेलिजेंस इनपुट्स के मुताबिक, पहली बैठक 27 दिसंबर, 2019 को हुई, जब लश्कर के पेरेंट संगठन जमात-उद-दावा के कमांडर आमिर हमजा ने मार्कज सुभान अल्लाह और जेएम के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाकात की. बहावलपुर में संसाधनों को साझा करने और भारत के खिलाफ संचालन को तेज करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए ये बैठक हुई थी.
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इसके बाद जनवरी 2020 में इस्लामाबाद में कई बैंठकों का दौर चला, जिसमें जैश का वास्तविक प्रमुख मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, जैश के हेड बीमार मसूद अजहर का भाई मौलाना अम्मार, जैश का ऑपरेशनल कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी सहित और भी आतंकी संगठनों के हेड ने भाग लिया. इसके बाद पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से इन लोगों ने संपर्क भी साधा. भारत की खुफिया विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है.
पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी भारत में घुसपैठ के लिए दो नये रास्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय खुफिया विभाग और सुरक्षा एजेंसियों ने दो रास्तों की पहचान की है जिसका इस्तेमाल आतंकी भारत में घुसपैठ के लिए कर सकते हैं. पूर्व में भी इन रास्तों का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए किया गया है. ये रास्ते सियालकोट-शकरगढ़ और भीम्बर-समानी सेक्टर हैं.
पाकिस्तान आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद आपने आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए इन दो रास्तों का इस्तेमाल कर सकती है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए एक डोजियर के अनुसार, इन चैनलों का इस्तेमाल पूर्व में नगरोटा आर्मी कैंप (नवंबर 2016), सुजान (फरवरी 2018), झज्जर कोटली (सितंबर 2018) और नगरोटा टोल प्लाजा हमले में शामिल आतंकियों ने भारत में घुसपैठ के लिए किया था.
Posted By: Amlesh Nandan.