Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) के परिवार की बागपत के कोताना गांव में स्थित शत्रु संपत्ति को नीलाम किया जाएगा. इस संपत्ति में 13 बीघा जमीन शामिल है, जिसे नीलाम करने के लिए प्रशासन ने ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी है. नीलामी की प्रक्रिया 5 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद संपत्ति को खरीदार के नाम पर दर्ज किया जाएगा.
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गांव के निवासियों के अनुसार, परवेज मुशर्रफ का परिवार कोताना गांव में रहता था. भारत-पाकिस्तान विभाजन (India-Pakistan partition) के समय उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था, लेकिन उनकी जमीन और हवेली यहीं रह गई थी. इस प्रॉपर्टी को शत्रु संपत्ति (Enemy Property) के रूप में दर्ज किया गया था, जिसे अब प्रशासन द्वारा नीलाम किया जा रहा है. परवेज मुशर्रफ का निधन 5 फरवरी 2023 को हुआ था.
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ग्रामीणों ने बताया कि परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव के निवासी थे. उनकी शादी भी यहीं हुई थी, लेकिन 1943 में वे दिल्ली चले गए थे. परवेज मुशर्रफ और उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ (Dr. Javed Musharraf) का जन्म दिल्ली में हुआ था. भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद 1947 में उनका परिवार पाकिस्तान जाकर बस गया था. कोताना में उनके परिवार की हवेली और खेती की जमीन थी. परवेज मुशर्रफ की जमीन नीलाम होने के बाद उनके भाई और अन्य परिवार के सदस्यों की 13 बीघा से अधिक जमीन बची थी. यह जमीन 15 साल पहले शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज की गई थी.
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शत्रु संपत्ति की बात करें तो, शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 के तहत, उन संपत्तियों पर सरकार का अधिकार होता है जो उन व्यक्तियों की होती हैं जो विभाजन के समय या 1965 और 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान चले गए थे और वहां की नागरिकता प्राप्त कर ली थी.
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