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टारगेट किलिंग के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ करा रहा पाकिस्तान, ड्रोन से भेज रहा चीनी हथियार

ड्रोन के जरिए पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को भेजे जा रहे हथियारों की खेप में चीनी पिस्तौल भी शामिल हैं.

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में गैर-मुस्लिमों की टारगेट किलिंग के लिए पाकिस्तान सीमापार से आतंकियों की घुसपैठ कराने के साथ ही ड्रोन से अत्याधुनिक हथियारों की खेप भेज रहा है. शनिवार को घाटी में तकफीरी आतंकियों की ओर से एक मुस्लिम समेत दो गैर-कश्मीरियों हत्या किया जाना पाकिस्तान की उस नापाक साजिश का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके जरिए वह जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाकर अशांति फैलाने की मंशा रखता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादी संगठन तकफीरी उन इस्लामिक टेररिस्ट ग्रुप का हिस्सा है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन शामिल हैं और इनका मकसद मुस्लिम और गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाने में कोई गुरेज नहीं है. खबर है कि ड्रोन के जरिए पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को भेजे जा रहे हथियारों में चीनी स्टार पिस्तौल भी शामिल हैं.

आतंकी घुसपैठ का परिणाम है टारगेट किलिंग

राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों और सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अभी हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टर में गैर-कश्मीरियों के खिलाफ की गई टारगेट किलिंग घाटी में सीमापार से लश्कर आतंकियों की घुसपैठ का ही नतीजा है. इसके साथ ही, कश्मीर में सक्रिय लश्कर के ओवरग्राउंड वर्कर्स को ड्रोन के जरिए चीनी पिस्तौल की डिलीवरी की जा रही है, जिसकी वजह से श्रीनगर में टारगेट किलिंग की घटनाओं में इजाफा हुआ है.

अगस्त के अंत से आतंकी घुसपैठ शुरू

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो जम्मू-कश्मीर में अभी आतंकियों का ध्यान कृष्णाघाटी सेक्टर में केंद्रित है. इस बीच, घाटी के राजौरी और पुंछ सेक्टर की सीमाओं पर घुसपैठ कर चुके आतंकियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के करीब 7 जवान शहीद हो गए हैं. रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि घाटी में आतंकियों की यह घुसपैठ इसी साल के अगस्त महीने के आखिरी दिनों से शुरू हुई है.

क्यों घुसपैठ कर रहे आतंकवादी

जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत के सुरक्षा बलों के पास एंटी ड्रोन सिस्टम की कार्यप्रणाली में कमी की वजह से पाकिस्तान सीमापार से ड्रोन के जरिए चीनी पिस्तौल समेत अत्याधुनिक हथियारों की डिलीवरी करने में सफल हो रहा है. इस साल के अगस्त महीने से लेकर अब तक ड्रोन के जरिए हथियारों की कई खेप आतंकियों तक पहुंचाई जा चुकी है.

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आतंकी घुसपैठ रोकने के लिए नहीं है फूलप्रुफ सिस्टम

रिपोर्ट्स के अनुसार, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और जम्मू-कश्मीर के अंदरुनी इलाकों में भारी तादाद में सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ नहीं रुक रही है. इसका सबसे बड़ा कारण भारत के सुरक्षा बलों के पास इसे रोकने के लिए फूलप्रुफ सिस्टम का नहीं होना है. हालांकि, ड्रोन के जरिए आतंकियों तक हथियारों की पाकिस्तानी डिलीवरी चिंता का सबब जरूर बन गया है.

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