Pakistan: सबसे ज्यादा सीट जीतकर भी नहीं बन पाएगी PTI की सरकार? जानें कहां फंस गया पेंच

पाकिस्तान में आम चुनाव के परिणाम आज आने वाले है. बिना 'बल्ले' से इमरान खान की पार्टी ने शतक जमाया है. हालांकि, वोटों की पूरी गिनती पूरी नहीं हुई है लेकिन, पीटीआई निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. फिर भी कहा जा रहा है कि देश में उनकी सरकार नहीं बन पाएगी. जानें कारण...

By Aditya kumar | February 10, 2024 12:19 PM
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Pakistan New Prime Minister : पाकिस्तान में आम चुनाव के परिणाम आज आने वाले है. बिना ‘बल्ले’ से इमरान खान की पार्टी ने शतक जमाया है. हालांकि, वोटों की पूरी गिनती पूरी नहीं हुई है लेकिन, पीटीआई निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. वहीं, पीएमएल-एन और पीपीपी का प्रदर्शन सामान्य रहा है. हालांकि, किसी भी पार्टी ने बहुमत हासिल नहीं किया है. अब सरकार किसकी बनेगी? पीटीआई और पीएमएल-एन दोनों पार्टियों में से जो पार्टी पीपीपी को अपनी ओर खींच लेती है सरकार उसकी बन जाएगी.

बिलावल भुट्टो नवाज शरीफ को नहीं पसंद करते!

हालांकि, खबर यह भी है कि पाकिस्तानी सेना नवाज शरीफ को बतौर प्रधानमंत्री देखना चाहती है वहीं, बिलावल भुट्टो नवाज शरीफ को नहीं पसंद करते है. ऐसे में अगर पीपीपी की चली तो पाकिस्तान में पीएम पद की शपथ शहबाज शरीफ लेंगे वहीं, अगर नवाज के नाम पर पीपीपी मान जाती है तो फिर नवाज शरीफ को बतौर पीएम देखने को मिलेगा. वहीं, पीटीआई की कोशिश जारी है कि वह पीपीपी से समर्थन प्राप्त करें और देश में एक बार फिर अपनी सरकार बनाए.

‘भारत के साथ संबंध सुधारना चाहेंगे’, नवाज का ऐलान

वहीं, जीत का ऐलान करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि हमें पड़ोसियों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने चाहिए. इस बयान के साफ तौर पर यह संकेत मिल रहा है कि वह भारत के साथ संबंध सुधारना चाहेंगे. हालांकि सरकार में सेना का ज्यादा दखल रहा तो यह काम टेढ़ी खीर साबित होगा. लेकिन, उससे पहले यह संशय बरकरार है कि आखिर पाकिस्तान में किसकी सरकार बनेगी और ताज किसके सिर सौंपा जाएगा.

किसके साथ पीएम मोदी की तालमेल अच्छी?

बात अगर भारत के साथ संबंध की करें तो नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी उनका अच्छा तालमेल दिखाई दिया था. नवाज शरीफ की मां के निधन पर पीएम मोदी ने शोक संदेश भेजा था जिसमें उन्होंने ‘मियां साहेब’ कहकर संबोधित भी किया था. वहीं, साल 2015 में पीएम मोदी अचानक नवाज शरीफ से मिलने रावलपिंडी पहुंचे थे. हालांकि इसके बाद ही पठानकोट में आतंकी हमला हुआ था जिसके बाद सुधरते संबंधों पर ग्रहण लग गया और उम्मीदें फिर खटाई में पड़ गईं. हालांकि इमरान खान की तुलना में शरीफ के साथ पीएम मोदी के संबंध अच्छे दिखाई दिए है.

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