SAARC Video Conference में भी पाकिस्तान का कश्मीर राग, कहा – कोरोना से निबटने के लिए J&K सेे हटे पाबंदी
भारत ने कोरोना से लड़ने के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर देने का ऐलान किया
नयी दिल्ली : इस समय पूरी दुनिया कोरोना के कहर से कराह रही है. एक ओर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को हराने के लिए सार्क देशों को एक साथ लाने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी 7 देशों से इस मुद्दे पर चर्चा की. कोरोना से लड़ने के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर देने का ऐलान किया, लेकिन दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया. इस विश्वव्यापी संकट के समय भी अपना कश्मीर राग अलापना नहीं छोड़ा.
इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में पाकिस्तान के प्रतिनिधि जफर मिर्जा ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निबटने के लिये जम्मू कश्मीर में सभी तरह की पाबंदी को हटा लेना चाहिए. उन्होंने कहा, पाकिस्तान कोविड-19 के फैलाव को सीमित करने में अब तक सफल रहा है. WHO ने इसकी प्रशंसा की है. जिस तरह कोरोना से 138 देश प्रभावित हैं, इसलिए कोई भी देश इसके लिए कदम उठाए बिना नहीं रह सकता है.
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दक्षेस देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों से कोरोना वायरस से निपटने के लिये संयुक्त रणनीति बनाने को लेकर संवाद करते हुए सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही उन्होंने इसको लेकर नहीं घबराने की अपील की. उधर, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए दक्षेस मंत्रिस्तरीय समूह के गठन का प्रस्ताव किया.
कोरोना वायरस के कारण अब तक दुनियाभर में 5000 से अधिक लोगों की मौत हुई है; वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में मोदी के अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य ममलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा शामिल हुए. अपने शुरुआती संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, दक्षेस क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के लगभग 150 मामले आए हैं, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है. तैयार रहें लेकिन घबराएं नहीं..यही हमारा मंत्र है.
उन्होंने दक्षेस देशों के नेताओं से कहा कि हमने कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर मध्य जनवरी से ही भारत में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच का काम शुरू किया था और धीरे-धीरे यात्रा पाबंदी को बढ़ाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 पर कहा, एक-एक करके उठाये गए हमारे कदमों से अफरा-तफरी से बचने में मदद मिली, संवेदनशील समूहों तक पहुंचने के लिये विशेष कदम उठाये.
उन्होंने कहा कि भारत ने विदेशों में अपने लोगों की आवाज पर प्रतिक्रिया दी और विभिन्न देशों से करीब 1400 लोगों को बाहर निकाला. मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस प्रभावित देशों से अपने पड़ोसी देशों के कुछ नागरिकों को भी बाहर निकालने में मदद की. मोदी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिये दक्षेस देशों को संयुक्त रणनीति बनाने का सुझाव देते हुए कहा था कि दक्षेस देश उदाहरण पेश करें.
उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये कोई भी देश मुंह नहीं मोड़ सकता है. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा कि दक्षेस नेताओं को कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न समस्याओं का सामना करने के उद्देश्य से हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक तंत्र बनाना चाहिए.
राजपक्षे ने कहा, कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए मैं दक्षेस मंत्रिस्तरीय समूह के गठन का प्रस्ताव करता हूं. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि दक्षेस देश कोविड-19 से जुड़े विशेष मुद्दों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा कर सकते हैं.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए टेली-मेडिसिन का एक साझा नेटवर्क बनाने का प्रस्ताव दिया. मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए समन्वित पहल पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी देश इस हालात से अकेले नहीं निपट सकता.
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने कोविड-19 की चुनौती से निपटने के वास्ते क्षेत्रीय पहल करने के लिए राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कोरोना वायरस से निपटने के लिये दक्षेस देशों के बीच सामूहिक प्रयास की जरूरत बताई.