राम मंदिर भूमि पूजन की आलोचना करने पर भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब

ayodhya ram mandir bhumi pujan , Pakistan statement , Ram Temple अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए भूमि पूजन की आलोचना करने पर पाकिस्तान को भारत ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कहा, पाकिस्तान को भारत के मामलों में दखल देने और साम्प्रदायिकता को शह देने से बचना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2020 4:00 PM

नयी दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए भूमि पूजन की आलोचना करने पर पाकिस्तान को भारत ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कहा, पाकिस्तान को भारत के मामलों में दखल देने और साम्प्रदायिकता को शह देने से बचना चाहिए.

विदेश मंत्रालय ने राम मंदिर पर पाकिस्तान की टिप्पणी के संदर्भ में कहा. सीमा-पार आतंकवाद में संलिप्त एक देश का यह रुख आश्चर्यजनक नहीं. जो देश सीमा पार आतंकवाद को पनाह देता है और अपने देश के अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित करता है, वैसे देश की ऐसी टिप्पणी करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. इस तरह की टिप्पणियां बेहद अफसोसजनक.

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर बुधवार को हुए राम मंदिर भूमि पूजन की आलोचना की. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा, भारतीय उच्चतम न्यायालय के त्रुटिपूर्ण निर्णय ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जो न केवल न्याय पर आस्था की प्रधानता को दर्शाता है, बल्कि आज के भारत में बढ़ते बहुसंख्यवाद को भी दिखाता है जहां अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं.

विदेश कार्यालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर के निर्माण में जल्दबाजी यह दिखाती है कि किस प्रकार से भारत में मुसलमानों को हाशिए पर धकेला जा रहा है. भारत पहले ही इस मुद्दे पर पाकिस्तान की अवांछित और अकारथ टिप्पणियों को खारिज कर चुका है. विदेश मंत्रालय ने कहा था, भारत के उच्चतम न्यायालय का फैसला भारत का पूरी तरह से अंदरूनी मामला है.

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दूसरी ओर कश्मीर के द्विपक्षीय मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के लगातार प्रयास के लिए उसकी निंदा करते हुए एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा कि एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस त्रिमूर्ति ने कहा, पाकिस्तान ने जो दावा किया है उसके विपरीत उसने जम्मू कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा बनाने का प्रयास किया. पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय मुद्दों का अंतरराष्ट्रीयकरण करना कोई नयी बात नहीं है.

उन्होंने कहा, एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री के दावे के विपरीत तीन मौकों को छोड़ दें तो भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर पिछले 55 साल में सुरक्षा परिषद की कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है.

त्रिमूर्ति ने कहा कि इससे पहले बंद कमरे में अनौपचारिक बैठक हुई थी. उन्होंने कहा कि यह ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा कि सुरक्षा परिषद में खासकर हर देश इस तथ्य को रेखांकित करता है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएगा.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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