लुधियाना कोर्ट परिसर में हुए विस्फोट में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका सामने आ रही है. पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने बताया कि लुधियाना कोर्ट परिसर में गुरुवार को हुए विस्फोट में जांच के दौरान खालिस्तानी तत्वों, गैंगस्टर और ड्रग तस्करों का लिंक भी सामने आ रहा है.
डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने आज कहा कि लुधियाना जिला कोर्ट परिसर में हुए धमाके की जांच में अभी जो जानकारी मिली है उसके अनुसार विस्फोट में जिस पूर्व पुलिस हेड कांस्टेबल गगनदीप की मौत हुई है, वह बम के पुर्जों को जोड़ने के लिए शौचालय में गया था.
डीजीपी ने बताया कि वह तकनीकी जानकारी रखता था और उसके ड्रग्स माफिया से संबंध थे. उसे ड्रग्स केस में बर्खास्त किया गया था. इस तरह के विस्फोट का उद्देश्य देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चोट करना है.
डीजीपी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गगनदीप सिंह को 2019 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और वह शौचालय में अकेला था, जब बम धमाका हुआ. चट्टोपाध्याय ने कहा कि गगनदीप सिंह के कुछ खालिस्तानी तत्वों और मादक पदार्थ तस्करों से संबंध थे. वह खन्ना का निवासी था और उसे मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में बर्खास्त किया गया था. बृहस्पतिवार को अदालत परिसर में हुए विस्फोट में सिंह की मौत हो गई थी तथा छह अन्य घायल हो गए थे.
इस घटना के बाद पंजाब सरकार ने राज्य में हाई अलर्ट घोषित किया था. यह पूछे जाने पर कि क्या बम में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था, चट्टोपाध्याय ने कहा कि विस्फोटक को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि उसमें कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.
उन्होंने कहा, अभी मैं निश्चित तौर पर नहीं कह सकता कि विस्फोट में किस सामग्री का इस्तेमाल किया गया था. एक अन्य सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि सिंह जब पुलिस सेवा में था, तब उसका तकनीकी ज्ञान अच्छा था. राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा, उसे कम्प्यूटर और तकनीक का बहुत अच्छा ज्ञान था. मानव बम की संभावना से इनकार करते हुए चट्टोपाध्याय ने कहा, ऐसा लगता है कि वह कुछ तार जोड़ने और बम लगाने के लिए लिए शौचालय गया था. मानव बम ऐसे नहीं बनते.
डीजीपी ने कहा कि वह जिस तरह से बैठा था, उससे ऐसा नहीं लगता कि वह शौचालय का इस्तेमाल करने गया था. वह साजिश का हिस्सा था, क्योंकि उसे ड्रग्स मामले में बर्खास्त किया गया, इसलिए उसे विभाग से चिढ़ थी और इसी में वह साजिश का हिस्सा बना. गगनदीप की पहचान उसके टैटू के आधार पर की गयी है.