गांधीनगर: पाकिस्तान के एक और जासूस को गिरफ्तार किया गया है. सीमा सुरक्षा बल (BSF) के इस जवान को गुजरात के कच्छ जिला के गांधीधाम से पकड़ा गया है. गुजरात पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने यह जानकारी दी है. पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार किये गये पाकिस्तानी जासूस का नाम मोहम्मद सज्जाद है. वह बीएसएफ में कांस्टेबल था. आरोप है कि WhatsApp के जरिये वह संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान में बैठे अपने आका को भेजा करता था.
गुप्त सूत्रों से मिली सूचना के आधार गुजरात पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने उसे गांधीधाम से सोमवार को धर दबोचा. एटीएस के डिप्टी एसपी बीएम चावड़ा ने बताया कि गिरफ्तार बीएसएफ का कांस्टेबल जम्मू-कश्मीर के राजौरी का रहने वाला है. बीएम चावड़ा ने मीडिया को बताया कि मोहम्मद सज्जाद बीएसएफ में शामिल होने से पहले पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है.
Gujarat: BSF constable Mohammad Sajjad held from Gandhinagar for allegedly passing sensitive information to Pakistan
"A resident of J&K's Rajouri, he went to Pakistan& stayed there for 46 days before joining BSF. He used to send information on WhatsApp," says ATS Dy SP BM Chavda pic.twitter.com/3sUQIoVoNy
— ANI (@ANI) October 25, 2021
एटीएस के डीएसपी ने चावड़ा ने कहा है कि मोहम्मद सज्जाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में शामिल होने से पहले पाकिस्तान गया और वहां 46 दिन तक रहा था. उन्होंने बताया कि मोहम्मद सज्जाद ने ढेर सारी सूचनाएं पाकिस्तान भेजी हैं. इसके लिए वह मैसेजिंग साइट WhatsApp का इस्तेमाल करता था. उससे पूछताछ शुरू कर दी गयी है. उसने की जानकारियां दी हैं.
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मोहम्मद सज्जाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले के सरोला गांव का रहने वाला है. एटीएस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसे इस साल जुलाई में बीएसएफ की 74 बटालियन भुज में तैनात किया गया था. एटीएस ने बताया कि सज्जाद को भुज में बीएसएफ मुख्यालय से गिरफ्तार किया गया. वह वर्ष 2012 में कांस्टेबल के तौर पर बीएसएफ में शामिल हुआ था.
एटीएस ने कहा कि जानकारी देने के बदले उसे पैसे मिलते ,थे जो उसके भाई वाजिद और सहयोगी इकबाल राशिद के खातों में जमा होती थी. सज्जाद ने अपना पासपोर्ट जम्मू के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से बनवाया था. एटीएस ने कहा कि उसी पासपोर्ट पर उसने एक दिसंबर 2011 से 16 जनवरी 2012 के बीच 46 दिनों के लिए पाकिस्तान की यात्रा की. उसने पाकिस्तान जाने के लिए अटारी रेलवे स्टेशन से समझौता एक्सप्रेस में सवार हुआ था.
एटीएस के मुताबिक, सज्जाद दो फोन का इस्तेमाल करता था. इसके अनुसार, आरोपी के एक फोन पर आखिरी बार इस साल 14-15 जनवरी को एक सिम कार्ड सक्रिय किया गया था. जब उस नंबर के सीडीआर (कॉल डेटा रिकॉर्ड) की जांच की गयी, तो पता चला कि यह सिम कार्ड त्रिपुरा के सत्यगोपाल घोष का है. पहली बार यह सिम कार्ड सात नवंबर 2020 को सक्रिय हुआ था और सज्जाद को उस नंबर पर दो कॉल आये.
एटीएस ने कहा कि यह नंबर नौ नवंबर तक सक्रिय रहा और इसके बाद यह 25 दिसंबर 2020 तक निष्क्रिय रहा. एटीएस ने बताया कि इसे 26 दिसंबर 2020 को फिर से सक्रिय किया गया था. बयान में कहा गया है, ‘15 जनवरी 2021 को जब नंबर को दोबारा सक्रिय किया गया था, तो 12:38:51 बजे एक एसएमएस प्राप्त हुआ था. उसी नंबर पर दोपहर लगभग 12:38 बजे एक एसएमएस प्राप्त हुआ था, जो संभवत: व्हाट्सएप के लिए एक ओटीपी था. इसके बाद नंबर को निष्क्रिय कर दिया गया.’
एटीएस ने बताया कि आरोपी ने इस नंबर पर ओटीपी प्राप्त किया और उसे पाकिस्तान भेज दिया, जहां उसने व्हाट्सएप को सक्रिय कर दिया, जिससे वह गुप्त सूचनाएं वहां भेजता था. बयान के अनुसार, यह व्हाट्सएप अब भी सक्रिय है और पाकिस्तान में कोई व्यक्ति इसका इस्तेमाल कर रहा है, जो सज्जाद के संपर्क में था.
एटीएस अधिकारियों ने कहा कि सज्जाद ने गलत जन्मतिथि बताकर बीएसएफ को गुमराह किया. उसके आधार कार्ड के अनुसार, उनका जन्म एक जनवरी 1992 को हुआ था, जबकि उसके पासपोर्ट विवरण में उसकी जन्म तिथि 30 जनवरी 1985 अंकित है . एटीएस ने कहा, ‘सज्जाद के कब्जे से दो मोबाइल फोन, उनके सिम कार्ड, दो अतिरिक्त सिम कार्ड जब्त किये गये. आगे की जांच जारी है.’
उल्लेखनीय है कि राजस्थान से भी कई पाकिस्तानी जासूसों को पुलिस और सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया है. पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किये गये लोगों में पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी से लेकर सेना और बीएसएफ के जवान तक शामिल हैं.
Posted By: Mithilesh Jha