पिछले हफ्ते खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में उन्मादी भीड़ के द्वारा तोड़े गये एक सदी से अधिक पुराने हिंदू मंदिर का पुनर्निर्माण होगा. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इसका आदेश दिया है. कोर्ट ने ‘इवैक्यू प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड’ (ईपीटीबी) को आदेश दिया कि मंदिर का पुनर्निर्माण प्रारंभ करे. ईपीटीबी एक स्वायत्तशासी बोर्ड है जो विभाजन के बाद भारत चले गए हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों और मंदिरों एवं गुरुद्वारों का प्रबंधन करता है.
कोर्ट ने लगायी कड़ी फटकार
कोर्ट ने कहा कि इस हमले से देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है. सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने ईपीटीबी को निर्देश दिया कि देश भर के मंदिरों में अतिक्रमण को हटाएं और अतिक्रमण में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.
उच्चतम न्यायालय ने अल्पसंख्यक अधिकारों के आयोग के एक सदस्यीय टीम को हमले की जांच करने का आदेश दिया था. न्यायमूर्ति इजाजुल अहसान ने इसके बाद पुलिस प्रमुख से पूछा कि जब मंदिर के पास पुलिस जांच चौकी थी तो हमला कैसे हो सकता है.
न्यायाधीश ने पूछा, आपकी खुफिया एजेंसियां कहां थीं? पुलिस प्रमुख ने अदालत से कहा कि घटना के दिन मंदिर के पास जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल का प्रदर्शन चल रहा था, जो मौलाना फैजुल्लाह द्वारा प्रायोजित था. पुलिस प्रमुख ने कहा, प्रदर्शन स्थल पर मौजूद छह उलेमाओं में से केवल मौलाना मोहम्मद शरीफ ने भीड़ को उकसाया.
अधिकारी ने अदालत को सूचित किया कि हमले में संलिप्त 109 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक सहित 92 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. मुख्य न्यायाधीश अहमद ने कहा कि निलंबन पर्याप्त नहीं है.
कोर्ट ने पाकिस्तान के मंदिरों एवं गुरुद्वारों का ब्यौरा मांगा जो चालू या बंद हैं
‘डॉन’ अखबार ने खबर दी कि उच्चतम न्यायालय ने हमले का संज्ञान लिया था और स्थानीय अधिकारियों को पांच जनवरी को अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे. न्यायालय ने बोर्ड को निर्देश दिया कि पाकिस्तान में ऐसे सभी मंदिरों एवं गुरुद्वारों का ब्यौरा अदालत को सौंपे जो चालू या बंद हैं.
कोर्ट ने ईपीटीबी के अध्यक्ष को लगायी फटकार
न्यायाधीश ने ईपीटीबी के अध्यक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें सरकार की मानसिकता के साथ अध्यक्ष पद पर नहीं बैठना चाहिए. अदालत ने निर्देश दिया, आपके कर्मचारी मंदिरों एवं गुरुद्वारे की जमीन पर व्यवसाय कर रहे हैं. उन्हें गिरफ्तार कीजिए और मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू कराइए. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए मौलवी शरीफ से धन लिया जाना चाहिए.
ईपीटीबी के पास अपना भवन बनाने के लिए पैसा है लेकिन हिंदुओं के लिए पैसा नहीं है ?
न्यायमूर्ति अहसन ने टिप्पणी की कि ईपीटीबी के पास अपना भवन बनाने के लिए पैसा है लेकिन हिंदुओं के लिए पैसा नहीं है. ईपीटीबी के खैबर पख्तूनख्वा शाखा को निर्देश दिया कि प्रांतीय अल्पसंख्यक आयोग के साथ विचार-विमर्श करें.
सुनवाई दो हफ्ते के लिए स्थगित
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि विस्तृत फैसला बाद में जारी किया जाएगा और मामले में सुनवाई दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दी. पिछले हफ्ते खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने कहा था कि उनकी सरकार मंदिर का पुनर्निर्माण कराएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए आदेश जारी कर दिए हैं.
Posted By – Arbind kumar mishra