Coronavirus को पलानीस्वामी ने कहा ‘अमीरों का रोग’, तो द्रमुक चीफ ने साधा निशाना
तमिलनाडु में विपक्ष के नेता द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कोरोना वायरस को ‘अमीरों का रोग' बताये जाने वाली मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की कथित टिप्पणी की शुक्रवार को आलोचना की और उनसे इलाज, राहत एवं पुनर्वास के लिए कदम उठाने के अलावा उपकरणों की खरीद तथा त्वरित जांच जैसे कदम तेज करने की मांग की.
चेन्नई : तमिलनाडु में विपक्ष के नेता द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कोरोना वायरस को ‘अमीरों का रोग’ बताये जाने वाली मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की कथित टिप्पणी की शुक्रवार को आलोचना की और उनसे इलाज, राहत एवं पुनर्वास के लिए कदम उठाने के अलावा उपकरणों की खरीद तथा त्वरित जांच जैसे कदम तेज करने की मांग की. इस बीच, मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने स्टालिन से जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा विशेषज्ञों के दिशानिर्देशों का पालन कर रही है.
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पलानीस्वामी ने सलेम में पत्रकारों से कहा, ‘हम कोरोना वायरस के खिलाफ सख्ती से निपट रहे हैं. पूरी सरकारी मशीनरी इस संक्रमण के खिलाफ काम कर रही है. विपक्ष के नेता (स्टालिन) को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह समय गलतियां निकालने का नहीं, बल्कि लोगों की जान बचाने का है.
इससे पहले, द्रमुक पार्टी के प्रमुख ने पलानीस्वामी की टिप्पणी को ‘मजाक’ बताया और कहा कि मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणियां करना बंद करें तथा इसके बजाय इस संक्रामक रोग को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाएं. स्टालिन ने कहा, ‘यह वर्ग भेदभाव पर दुर्लभ खोज है. उन्हें ऐसे चुटकुले कहना बंद करना चाहिए और इसके बजाय कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा था, ‘यह अमीर लोगों का रोग है, जो लोग विदेश गये या अन्य राज्य गये, वे इसे लेकर आए. यह रोग यहां पैदा नहीं हुआ. विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने पलानीस्वामी की इस टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होने कथित तौर पर कहा था कि सरकार को उम्मीद है कि तमिलनाडु में नए मामले जल्द ही खत्म हो जाएंगे. स्टालिन ने कहा कि किसी को नहीं पता कि इस पर ‘हंसना है या रोना है.’ बता दें कि मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि जिस तेजी से लोग स्वस्थ हो रहे हैं, उससे लगता है कि राज्य में नए मामलों की संख्या शून्य हो जाएगी.