Panchayati Raj: केंद्र की ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने की मुहिम का दिख रहा है सकारात्मक असर
पंचायती राज व्यवस्था में आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने और कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए शुरू किए नये पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. पंचायती राज मंत्रालय ने देश की 750 ग्राम पंचायतों में 2 अक्टूबर 2024 को जन योजना अभियान को शुरू कर विशेष ग्राम सभाओं सशक्त बनाने की पहल शुरू की है.
Panchayati Raj: लोकतंत्र को मजबूत करने वाली बुनियादी संस्था पंचायती राज को सशक्त बनाने के लिए पिछले कई साल से काम हो रहा है. लेकिन हाल के वर्षों में पंचायती राज और सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए है. पंचायती राज व्यवस्था में आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने और कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए शुरू किए नये पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. इस कड़ी में पंचायती राज मंत्रालय ने देश की 750 ग्राम पंचायतों में 2 अक्टूबर 2024 को जन योजना अभियान को शुरू कर विशेष ग्राम सभाओं की पहल के निष्कर्ष आंकड़ों को संकलित किया है और इसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं. महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर 2024 को आयोजित विशेष ग्राम सभा सह प्रशिक्षण-सह-अभिमुखीकरण कार्यक्रम ने वर्ष 2025-26 के लिए पंचायत विकास योजनाओं के निर्माण के लिए जन योजना अभियान (पीपुल्स प्लान कैंपेन) में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है.
‘सबकी योजना सबका विकास’ के नारे के तहत यह पहल पंचायतों में समावेशी विकास को बढ़ावा देने और सहभागी योजना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से चलाई गयी और इसका मकसद ‘सक्षम पंचायत विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करना है. साथ ही ग्राम सभा बैठकों के माध्यम से विकास प्रक्रिया में स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है. लगभग 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 173 जिलों में 750 ग्राम पंचायतों में कुल 1.25 लाख से अधिक लोगों ने विशेष ग्राम सभाओं में भाग लिया. यह कार्यक्रम विशेष तौर पर आकांक्षी जिलों को फोकस कर चलाया गया. इसके अलावा मंत्रालय मंगलवार से हैदराबाद में ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर एक सेमिनार का आयोजन कर रहा है. इस सेमिनार में ग्राम पंचायतों पर विशेष तरह की सेवा मुहैया कराने पर भी चर्चा की जाएगी.
ग्रामीण विकास में लोगों की भागीदारी बढ़ाना है मकसद
इस साल शुरू किए गए जन योजना अभियान के तहत 6342 से अधिक पंचायती राज संस्था (पीआरआई) सदस्यों और 4956 सरकारी अधिकारियों को ग्राम सभा प्रक्रिया और सहभागी योजना की समझ बढ़ाने के लिए तैनात किया गया था. ग्रामीण समुदाय को ग्राम सभाओं से जोड़ने के लिए 4.57 लाख से अधिक आमंत्रण पत्र वितरित किए गए, जिसमें 65 हजार से अधिक महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और 33 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की भागीदारी सुनिश्चित हो सकी. कार्यक्रम में 19000 से अधिक युवा स्वयंसेवकों, 3332 धार्मिक नेताओं और 1101 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों ने भागीदारी की.
इस दौरान ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत 49000 से अधिक पेड़ लगाए गए, जो पर्यावरण संरक्षण को लेकर पंचायत के महत्व को रेखांकित करते हैं. इस दौरान बिहार के अररिया, बांका, गया, जमुई, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, शेखपुरा, नवादा, सीतामढ़ी, औरंगाबाद, बेगुसराय और झारखंड के पूर्वी सिंहभूम, लोहरदगा, लातेहार, रांची, सिमडेगा, पाकुड़, गोड्डा, हजारीबाग, चतरा, दुमका, रामगढ़, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, साहिबगंज, बोकारो, पलामू के चुनिंदा पंचायतों में विशेष अभियान चलाया गया. सरकार का मकसद ग्राम सभाओं को आर्थिक और सामाजिक तौर पर सशक्त बनाना है ताकि ग्रामीण भारत देश के आर्थिक विकास में योगदान दे सके. पंचायती राज मंत्रालय ग्राम पंचायतों को मजबूत करने के लिए कई अन्य पहल कर रहा है.
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